रिश्तों की भंवर में हिचकोले खा रहा है बुढ़ापा
सहरसा। माता-पिता जिस लाड़-प्यार से अपने बच्चों की परवरिश करते हैं वही बच्चे बड़े होकर अप
सहरसा। माता-पिता जिस लाड़-प्यार से अपने बच्चों की परवरिश करते हैं वही बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता के ही दुश्मन बन रहे हैं। यही वजह है कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अपने बच्चों की शिकायत लेकर बुजुर्ग पहुंच रहे हैं। हालांकि शिकायत के बाद भी बच्चों के प्रति उनका मोह कम नहीं होता है। जब पुलिस केस व जेल भेजने की बात करती है तो उन्हें छोड़ देने की विनती भी करते हैं।
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केस एक
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शहर के वार्ड नंबर 29 की विमला देवी कुछ दिन पहले थाने में आवेदन दी कि उनका पुत्र उन्हें परेशान कर रहा है। करीब 70 वर्षीय महिला रो-रोकर अपने पुत्र से बचाने की गुहार लगा रही थी। बताया कि रोज नशे में आकर मारपीट करता है और जमीन बेचने का दबाव बनाया जाता है। विरोध करने पर घर में बंद कर दिया जाता है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुत्र की खोज की तो वो नहीं मिला। दूसरे दिन फिर महिला आकर बताई कि उसके साथ फिर घटना की गई है। जिसके बाद थानाध्यक्ष ने अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि अगर पुत्र आकर कोई गलत हरकत करें तो तुरंत फोन करें। जिसके बाद बुजुर्ग महिला ने देर रात को पुत्र द्वारा हंगामा कर मारपीट करने की सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। पुत्र नशे की हालत में था जांच के बाद पुलिस ने ही केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
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केस दो
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बटराहा के रविकांत पराशर ने अपने छोटे पुत्र के खिलाफ थाना में आवेदन देकर कहा है कि उनका पुत्र घर से लेकर बाहर तक बदमाशी करता है। समझाने-बुझाने पर भी नहीं मानता है। उन्होंने पुत्र को सुधारने, पकड़कर पिटाई करने व जेल भेजने का आग्रह किया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर पुत्र को सख्त हिदायत दी।
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केस तीन
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शहर के वार्ड नंबर 11 निवासी बुजुर्ग रामप्रसाद दास ने अपने ही पुत्र के खिलाफ कुछ दिन पहले एसपी से शिकायत की थी। जिसमें कहा था के उनका पुत्र बराबर मारपीट करता है। खाने नहीं देता है और घर से निकाल देता है। पुत्रवधू भी मारपीट करती है। एसपी ने तुरंत मामले में संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष को कार्रवाई का निर्देश दिया। जब पुत्र को पकड़कर पुलिस थाना लाकर हाजत में बंद की तो थोड़ी देर बाद पिता की ममता जाग उठी और हिदायत देते हुए छोड़ने का आग्रह करने लगे। बाद में पुलिस ने हिदायत देते हुए उसे छोड़ दिया।
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वृद्धाश्रम नहीं रहने से परेशानी
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जिले में वृद्वाश्रम नहीं रहने से घर में प्रताड़ित बुजुर्ग को सिर छिपाने की जगह नहीं मिल पाती है। हालांकि समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर शहर में वृद्धाश्रम बनाने की पहल हो रही है। जमीन का चयन कर लिया गया है। जहां बुजुर्गों को रखने, मुफ्त में भोजन और पहनने के कपड़े दिए जाएंगे। 60 हजार सलाना आमदनी से कम वाले बुजुर्ग जिनके बच्चों ने मुंह मोड़ लिया उन्हें यहां रखा जाएगा।
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बुजुर्गों के शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। लेकिन हर बच्चे को अपने मां-पिता का ख्याल रखना चाहिए ताकि वो बुढ़ापे में रिश्तों के दम पर ही अपनी जिदगी काट सके।
बृजनंदन मेहता, डीएसपी, मुख्यालय
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कोट
वृद्धाश्रम निर्माण के दिशा में पहल हो रही है। भवन निर्माण से पूर्व किराए के घर में भी चलाने के दिशा में कार्य हो रहा है। वृद्धाश्रम में बुजुर्गाें को सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी।
सत्यकाम, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग