कोरोना जांच के दौरान बरती जा रही लापरवाही
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा स्टेशन पर की जा रही कोरोना जांच में लापरवाही बरती जा रही ह
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा स्टेशन पर की जा रही कोरोना जांच में लापरवाही बरती जा रही है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए एक तरफ दो गज दूरी का संदेश दिया जा रहा है तो वहीं सहरसा स्टेशन पर कोरोना जांच के लिए लगी लाइन में लोग एक दूसरे से सटकर लाइन में खड़े रहते हैं। ऐसे में कोरोना का संक्रमण बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं कोरोना जांच के लिए तैनात किए गए हेल्थकर्मी भी बगैर पीपीई किट के ही जांच करने में दिन भर जुटे रहते है। प्रतिदिन औसतन तीन से चार सौ यात्रियों का सैंपल कलेक्शन किया जाता है। हालांकि यात्रियों को पंक्तिबद्ध करने में रेल पुलिस के जवान मुस्तैद रहते है। इसके बावजूद भी कोरोना जांच में लापरवाही बरती जा रही है। सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक स्थित हेल्थ काउंटर पर एक महिला कर्मी बिना ड्रेस व बिना पीपीई किट के ही लोगेां का कोरोना जांच में दिन भर जुटी रही। वहीं एक अन्य हेल्थ कर्मी यात्री के नाम व मोबाइल नंबर की इंट्री करने में लगे रहे। वहीं रेल पुलिस यात्रियों को पंक्तिबद्ध कराने में लगे रहे। सहरसा स्टेशन पर करीब एक महीने से यात्रियों की कोरोना टेस्टिग की जा रही है। कोरोना टेस्टिग की रिपोर्ट तीन दिनों के बाद यात्रियों के दिए गए मोबाइल पर ही एसएमएस के माध्यम से भेजी जाती है। सहरसा स्टेशन पर दिन भर कोरोना की जांच यात्रियों की जाती है। लेकिन अधिकांश यात्री बिना जांच के ही निकल भी जाते है। एक तो जांच कार्य में मात्र दो हेल्थकर्मी की तैनाती की गयी है। हेल्थकर्मी की मानें तो अब तक सहरसा स्टेशन पर दस हजार से अधिक यात्रियों की कोरोना टेस्टिग की जा चुकी है।