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कोरोनाकाल में कम पड़ जाते हैं निजी व सरकारी एंबुलेंस

सहरसा। कोरोना की दूसरी लहर कम होते ही प्रशासन तीसरी लहर की आशंका को सजग नहीं दिख रही है। अबतक मंत्री की अनुशंसा के बाद भी तीन नई एंबुलेंस की खरीदारी नहीं कर सकी है जबकि दूसरी लहर के दौरान प्रशासन को भी भाड़े पर एंबुलेंस लेकर काम चलाना पड़ा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 07:39 PM (IST)
कोरोनाकाल में कम पड़ जाते  हैं निजी व सरकारी एंबुलेंस
कोरोनाकाल में कम पड़ जाते हैं निजी व सरकारी एंबुलेंस

सहरसा। कोरोना की दूसरी लहर कम होते ही प्रशासन तीसरी लहर की आशंका को सजग नहीं दिख रही है। अबतक मंत्री की अनुशंसा के बाद भी तीन नई एंबुलेंस की खरीदारी नहीं कर सकी है जबकि दूसरी लहर के दौरान प्रशासन को भी भाड़े पर एंबुलेंस लेकर काम चलाना पड़ा था।

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कोरोना की दूसरी लहर की बात करें तो एंबुलेंस को लेकर लोगों को काफी परेशानी हुई थी। सदर अस्पताल के चार एंबुलेंस से प्रशासन काम चला रही थी। लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद दो एंबुलेंस भाड़ा पर लेना पड़ा था। जबकि शव वाहन भी एक ही रहने के कारण मरीज की मौत के बाद लोगों को वाहन के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। निजी एंबुलेंस का दर तो प्रशासन ने तय कर दिया था। बावजूद लोगों को मनमाने दर पर एंबुलेंस लेना पड़ रहा था। दूसरी लहर का कहर तो थम गया है। लेकिन तीसरी लहर की आशंका को लेकर अबतक एंबुलेंस की खरीदारी नहीं हो पायी है। जानकारी के अनुसार सरकारी स्तर पर एंबुलेंस किसी संस्था द्वारा पूरे बिहार में चलायी जाती है। पूर्व से जो एंबुलेंस यहां उपलब्ध है उसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।

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मंत्री ने एंबुलेंस के लिए दी है राशि

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स्थानीय विधायक सह बिहार सरकार के कबीना मंत्री डा. आलोक रंजन ने दो एंबुलेंस समेत अन्य सामग्री के लिए विधायक मद की राशि दी थी। इसके अलावा सांसद मनोज झा, विधायक युसूफ सलाहउद्दीन, विधान पार्षद नूतन सिंह द्वारा भी अपने मद से संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राशि देने की अनुशंसा की थी। परंतु अबतक न तो एंबुलेंस की खरीदारी हुई है और न ही सरकार की ओर से एंबुलेंस मिला है।

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वर्षों से खराब पड़ा है एंबुलेंस

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सदर अस्पताल में तीन एंबुलेंस वर्षों से खराब पड़ा है। एंबुलेंस आने के बाद खराब हो गया। चालक की भी कमी थी। उस समय उसे ठीक नहीं कराया गया। जिस कारण अब एंबुलेंस कबाड़ बन गया है।

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कम पड़ जाता है एंबुलेंस

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कोरोना काल के दौरान एंबुलेंस कम पड़ जाता है। निजी स्तर पर भी लोगों को एंबुलेंस नहीं मिल पाता है। एंबुलेंस के अभाव में लोगों को निजी गाड़ियों से जाना पड़ा था। तीसरी लहर अगर आएगी तो एंबुलेंस की किल्लत बनीं रहेगी और लोग को फिर परेशानी हो सकती है।


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