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अधर में लटक गया सैकड़ों कोरोना से मृतकों का अनुदान

सहरसा। जिले में कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। जहां सही समय पर जांच नहीं हो पाने के कारण अधिकांश मृतकों की वैधानिक पुष्टि नहीं हो पाई वहीं जिन लोगों के कोरोना से मौत की पुष्टि हुई उनके स्वजन का भी अनुग्रह अनुदान अधर में लटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 06:36 PM (IST)
अधर में लटक गया सैकड़ों  कोरोना से मृतकों का अनुदान
अधर में लटक गया सैकड़ों कोरोना से मृतकों का अनुदान

सहरसा। जिले में कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। जहां सही समय पर जांच नहीं हो पाने के कारण अधिकांश मृतकों की वैधानिक पुष्टि नहीं हो पाई, वहीं जिन लोगों के कोरोना से मौत की पुष्टि हुई, उनके स्वजन का भी अनुग्रह अनुदान अधर में लटक गया है।

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अप्रैल माह से कोरोना से मौत का तांडव चलता रहा। जून में जब सरकार ने कोरोना से मौत के दावों की जांच का आदेश दिया तो इसकी संख्या बढ़ने लगी। इधर मुख्यमंत्री राहत कोष से भुगतान के लिए भी जिला प्रशासन ने तेजी दिखायी। दो चक्र में ग्यारह और आठ आश्रित के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से अनुदान मद में चार-चार लाख रुपये का भुगतान भी किया, परंतु अचानक यह प्रक्रिया थम गई है। अब तक के मौत के आंकड़ों को ही अगर सही माना जाए तो सिविल सर्जन ने 209 की पुष्टि कर दी, इस आधार पर 180 स्वजन भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

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450 लोगों ने मौत के कारण अनुदान का किया है दावा

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जिला प्रशासन की सूची में नौ जून तक मात्र 98 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, परंतु जैसे सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी ने मौत के दावों की जांच का निर्देश दिया, इसकी संख्या में अचानक बढ़ोतरी होने लगी। दस जून को मृतकों की संख्या 143 पर पहुंच गई। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा कोरोना की अद्यतन सूची में मृतकों की संख्या अबतक यही है, परंतु जिन 450 लोगों का दावा पत्र प्रस्तुत किया, उसके जांच के बाद मृतकों की संख्या 209 हो चुकी है। शेष आवेदनों की जांच अभी जारी है। मृतकों की बढ़ रही सूची यह साबित करता है कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। कुल लोगों के मौत की पुष्टि सही जांच नहीं हो पाने के कारण नहीं हो पाया, जबकि कुछ ने जानकारी के अभाव में आवेदन ही नहीं किया।

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अनुदान भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे स्वजन

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जिलाधिकारी कौशल कुमार की सक्रियता के कारण राज्य में सबसे पहले सहरसा के 19 मृतकों के स्वजन को अनुदान मद की राशि मिली। उसके बाद जिला प्रशासन ने शीघ्र ही शेष लाभुकों को भुगतान किए जाने का दावा किया था, परंतु इसके लिए सरकार स्तर से आवंटन ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिले में जहां कोरोना से मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना बनी हुई है, वहीं भुगतान अधर में लटक जाने से मृतकों के परिजन बेहद ही निराश हो रहे हैं।

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कोट

कोरोना से मौत का दावा करनेवाले सभी आवेदकों के दावे की जांच की जा रही है। अबतक 209 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। प्राप्त सभी आवेदनों की वैधानिक जांच चल रही है। जांच के बाद संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है।

डा. अवधेश कुमार सिंह, सिविल सर्जन,सहरसा।

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कोरोना के मृत लोगों के स्वजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुदान का भुगतान किया जाना है। इस मद में आवंटन का इंतजार किया जा रहा है। आवंटन प्राप्त होते ही शेष मृतक के परिजन को अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जाएगा।

नीरज कुमार सिंहा,

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, सहरसा।


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