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सरकारी स्कूलों में किसी काम का नहीं है अग्निशमन संयंत्र

सहरसा। जिले के सरकारी स्कूलों में आग से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। स्कूलों में

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 02:43 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:11 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में किसी काम का नहीं है अग्निशमन संयंत्र
सरकारी स्कूलों में किसी काम का नहीं है अग्निशमन संयंत्र

सहरसा। जिले के सरकारी स्कूलों में आग से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। स्कूलों में रख-रखाव के अभाव में खरीदा गया अग्निशमन संयंत्र बेकार हो गया है। अग्निशमन संयंत्र खाली पड़ी हुआ है। खाली डिब्बा स्कूल की शोभा बढ़ा रहा है।

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मिली जानकारी अनुसार वर्ष 2014 में शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में आग से निपटने एवं किसी अगलगी की अनहोनी होने पर सुरक्षा के तौर पर हर स्कूलों में अग्निशमन संयंत्र लगाया गया था। हालांकि इसका लेखा-जोखा भी विभाग के पास नहीं है और न ही स्कूल ही बता पाता है कि अग्निशमन संयंत्र की खरीदारी कब की गयी थी। शहर के पुलिस लाइन स्थित आरक्षी केन्द्र मध्य विद्यालय में जब इसकी पड़ताल की गयी तो कमरे के एक कोने पर अग्निशमन संयंत्र पड़ा हुआ मिला। यह अग्निशमन संयंत्र किसी काम का नहीं था। खाली डिब्बे के रूप में पड़ा था। पूछने पर विद्यालय प्रधानाध्यापिका शिरोमणि कुमारी ने बतायी कि स्कूल में यह वर्ष 2014 से ही पड़ा था। मैं 2015 में यहां आयी तो यह अग्निशमन संयंत्र पहले से ही था। लेकिन अब यह किसी काम का नहीं है। काम करने योग्य नहीं है। आग से निपटने में यह सक्षम नहीं होगा। इसीलिए इसकी जरूरत है। विभाग से मिली जानकारी अनुसार वर्ष 2018 में मध्याह्न भोजन योजना द्वारा भी वर्ष 2018 में जिले के 1177 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को गैस कनेक्शन के साथ ही अग्निशमन संयंत्र की राशि उपलब्ध करायी गयी थी। हर विद्यालय को 5600 रुपये की दर से राशि का भुगतान किया गया था। जिसमें 4100 रुपये गैस कनेक्शन एवं 1500 रुपये अग्निशमन संयंत्र की खरीदगी के लिए दिया गया था। लेकिन स्कूलों में उपलब्ध कराए गए अग्निशमन संयंत्र कहां गया और अगर इसकी खरीदारी वर्ष 2018 में की गयी तो एक ही वर्ष में यह कैसे बेकार हो गया? इसकी जांच से ही इस पर से पर्दा उठ पाएगा।

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अग्निशमन संयंत्र नहीं मिली तो होगी कार्रवाई जिले के भवनहीन व भूमिहीन विद्यालयों को छोड़कर 1177 स्कूलों को 5600 रूपये की दर से राशि दी गयी थी। अगर जिन विद्यालयों ने इसकी खरीदगी नहीं की होगी तो उसके विरूद्ध कार्रवाई होगी और राशि वसूल की जाएगी। इसकी जांच करायी जा रही है। -मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन योजना


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