कोरोना के साथ आíथक जंग जीतने की राह पर जीविका दीदियां
सहरसा। लॉकडाउन के दौरान भले ही सभी व्यवसाय ठप है परंतु इस संक्रमण से बचाव को मास्क की
सहरसा। लॉकडाउन के दौरान भले ही सभी व्यवसाय ठप है, परंतु इस संक्रमण से बचाव को मास्क की आपूíत कर जीविका दीदियां कोरोना के साथ आíथक जंग भी जीतने के लिए तत्पर है। कोरोना संक्रमण प्रारंभ होते ही मास्क की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। उस समय जिले में मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। अगर हो भी जाता था, तो काफी महंगे दर पर, जो गरीब, लाचार लोगों के लिए खरीदना संभव नहीं हो पा रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने जीविका दीदियों से सहयोग मांगा। जीविका दीदियों ने बखूबी इस कार्य को संपादित करते हुए मास्क की समस्या ही दूर कर दिया। इससे समूहों की आमदनी भी लगातार बढ़ती जा रही है। काफी सस्ते दर पर लोगों को मिल रहा दीदियों के हाथ से तैयार मास्क बाजार में सूती कपड़े से बना टू लेयर थ्री फोल्ड् मास्क आमतौर पर 35-40 रूपये में मिलता है, परंतु जीविका दीदियों द्वारा तैयार यही मास्क जिला प्रशासन और आमलोगों को 15 से 20 रूपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। यह मास्क सुरक्षा की ²ष्टि से भी काफी बेहतर माना जा रहा है। अबतक जिला प्रशासन के अलावा स्वयंसेवी संगठनों, व राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा मास्क की खरीदारी की जा रही है। अब पंचायती राज विभाग के माध्यम से हर परिवार को चार मास्क देने के निर्णय के से इसका डिमांड और बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है। अबतक जीविका समूहों को हुआ चार लाख की आमदनी फिलहाल जिले में 58 दीदियां मास्क बनाने में लगी है। इन दीदियों द्वारा अबतक 47186 मास्क तैयार किया गया। जिससे लगभग चार लाख की आमदनी हुई है। मास्क का निर्माण और सप्लाई अनवरत चल रहा है। मास्क की बढ़ती मांग को देखते हुए जीविका समूह ने अब इसमें दो सौ दीदियों को लगाने का निर्णय लिया है, जिससे प्रतिदिन पांच हजार मास्क तैयार किया जा सके। ताकि मनरेगा के कार्य में लगे सभी मजदूरों और पंचायत में आमलोगों के बीच वितरण के लिए मास्क की कोई कमी नहीं हो।
कोट के लिए....
जीविका दीदियों द्वारा लगातार मास्क तैयार करने का कार्य चल रहा है। बढ़ती मांग, मनरेगा और पंचायतों में इसके वितरण के लिए बड़े पैमाने पर मास्क बनाने की जरूरत है। इसके लिए दीदियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे जहां मास्क की समस्या दूर होगी, वहीं समूहों की भी आíथक स्थिति मजबूत होगी।
अभिषेक कुमार, डीपीएम, जीविका, सहरसा