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जब सिस्टम ने नहीं दिया साथ तो अपना हाथ बना जगन्नाथ

बिक्रमगंज प्रखंड के जोन्ही गांव के लोगों की बात जब अधिकारियों- जन प्रतिनिधियों तक ने नहीं सुनी तो थक हार कर सत्यनारायण टोला के ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क का निर्माण शुरू किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 10:59 PM (IST)
जब सिस्टम ने नहीं दिया साथ तो अपना हाथ बना जगन्नाथ
जब सिस्टम ने नहीं दिया साथ तो अपना हाथ बना जगन्नाथ

रोहतास [जेएनएन]। जब अधिकारियों से ले जन प्रतिनिधियों तक ने नहीं सुनी तो थक हार कर सत्यनारायण टोला के ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क का निर्माण शुरू किया। बिक्रमगंज प्रखंड के जोन्ही गांव का यह टोला अन्य सड़क विहीन गांवों के ग्रामीणों के लिए नजीर बन गया है। सत्यनारायण टोला में करीब 400 आबादी है। यहां के लोग आज भी पगडंडियों के सहारे आते जाते हैं। 

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ग्रामीण डॉ सुरेश सिंह कुशवाहा कहते हैं कि हमलोग वर्षों से सांसद, विधायक और अन्य प्रतिनिधियों के अलावा अधिकारियों के यहां दौड़ लगाते लगाते थक गए, लेकिन सड़क निर्माण की दिशा में किसी ने भी पहल नहीं की। सड़क के लिए जमीन का भी अभाव था। यहां के बच्चे मुक्तिगंज में पढऩे के लिए जाते हैं, जिन्हें बरसात में जाने में काफी परेशानी होती है। यदि कोई बीमार हो तो गांव से मुक्तिगंज तक चारपाई पर लाना पड़ता है।

अपनी परेशानियों से निबटने का यहां के नौजवानों और ग्रामीणों ने खुद बेड़ा उठाया और पिछले पांच दिनों से श्रमदान कर सड़क का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। सड़क निर्माण के लिए कई लोगों ने अपनी जमीन भी दी है। सड़क निर्माण में लगे ग्रामीण कहते हैं कि अब जमीन नहीं होने का बहाना खत्म हो गया और अब तो सांसद, विधायक को ध्यान दे पक्की सड़क का निर्माण कराना चाहिए।  


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