वर्षों से फरार चल रहे दो नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़े
रोहतास। जिले के यदुनाथपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग जगहों से सुरक्षा बलों ने गुरुवार की अलसु
रोहतास। जिले के यदुनाथपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग जगहों से सुरक्षा बलों ने गुरुवार की अलसुबह छापेमारी कर वर्षों से फरार चल रहे दो नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया। नवाडीह एवं मटियाव गांव से 8 वर्षो से फरार दो नक्सलियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। इन नक्सलियों की 2011 में मध्य विद्यालय परछा के भवन को बारूदी सुरंग से विस्फोट कर उड़ाने, अमहुआ में सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ समेत अन्य नक्सली वारदातों में संलिप्तता रही है। जिनकी पुलिस को पिछले आठ वर्षों से तलाश थी। सीआरपीएफ 47 वीं कमान के सहायक समादेष्टा सुभाष झा के नेतृत्व में सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस बल के जवानों ने मटियांव निवासी नक्सली तालकेश्वर सिंह व नवाडीह के उमाशंकर राम को उनके गांव आने की सूचना मिले के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए इनके घर पर छापेमारी कर धर दबोचा।
चुटिया थानाध्यक्ष श्रीराम चौबे ने बताया कि नक्सली वारदात के बाद से ही पिछले आठ वर्षों से ये फरार चल रहे थे। वर्ष 2010 के विधान सभा चुनाव के दौरान परछा मध्य विद्यालय में चुनाव कार्य के लिए अर्द्धसैनिक बलों का कैंप स्थापित किया गया था। जिससे खार खाए नक्सलियों ने 31 दिसंबर 2011 को विद्यालय भवन को विस्फोट कर उड़ा दिया था। जिसे लेकर चुटिया थाना में एक दर्जन नामजद व 150 अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पकड़े गए दोनों नक्सली नामजद किए गए थे। वहीं 2011 में ही तत्कालीन एसपी मनु महाराज के नेतृत्व में अमहुआ के पास जंगल में सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में भी इनकी संलिप्तता रही है। अमहुआ मुठभेड़ मामले में उमाशंकर राम फिलवक्त जमानत पर था, परंतु परछा मामले में इसकी तलाश की जा रही थी। जिले में नक्सल उन्मूलन के बाद से दोनों रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेश में जाकर रह रहे थे। सहायक समादेष्टा श्रीझा ने बताया कि सीआरपीएफ तब से इनकी गिरफ्तारी की फिराक में लगी थी। हाल में घर आने की सूचना सीआरपीएफ को मिली। इसबार सूत्र के पुष्ट सूचना पर गिरफ्तारी संभव हुई। छापेमारी में सहायक समादेष्टा के साथ यदुनाथपुर थानाध्यक्ष अरविद कुमार, चुटिया थानाध्यक्ष के अलावा सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे।