.....ए बाबू अभी यहाँ आना मना है,क्योंकि अभी कोरोना है
कभी गुलजार रहने वाला शहर से सटा रूपजीवाओं का इलाका आज लॉकडाउन की वजह से वीरान पड़ा है। सड़क पर उनकी तरफ देख गुजरने वाले हर ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने वाली रूपजीवाएं भी आज फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ स्टे ऐट होम का पाठ पढ़ा रही हैं। मोहल्ले के प्रवेश मार्ग पर ही कोरोना से बचाव का स्लोगन घर पर रहें सुरक्षित रहें टांग दिया गया है। यहां आने वाले अब
रोहतास। कभी गुलजार रहने वाला शहर से सटा रूपजीवाओं का इलाका आज लॉकडाउन की वजह से वीरान पड़ा है। सड़क पर उनकी तरफ देख गुजरने वाले हर ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने वाली रूपजीवाएं भी आज फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ स्टे ऐट होम का पाठ पढ़ा रही हैं। मोहल्ले के प्रवेश मार्ग पर ही कोरोना से बचाव का स्लोगन घर पर रहें , सुरक्षित रहें टांग दिया गया है। यहां आने वाले अब हरेक बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध हैं। वजह सा़फ है एक दूसरे के संपर्क में आकर संक्रमित होने से बचने की सजगता।
आमतौर पर ये लोग जिले के अलग -अलग नाच व आर्केरूट्रा पार्टीयों से जुड़े होने के कारण शादी ब्याह के दिनों में अच्छी खासी कमाई कर लेती हैं। इनका प्रमुख पेशा नाच गाना भी है। बारातों में नृत्य कला का जौहर दिखा ये अपनी जीविका चलाती हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी प्रकार के सांस्कृतिक व मांगलिक आयोजनों पर रोक होने से इनके समक्ष कोई अन्य धंधा भी नहीं। नतीजा भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने सीमा कुमारी (बदला हुआ नाम ) बताती हैं कि बंदी की वजह से कलाकारों के समक्ष जीविका की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। पूर्व से बचत किए गए थोड़े बहुत पैसे भी खर्च होने लगे है। हर बार बढ़ता जा रहा लॉकडाउन अभी और कितना लंबा चलेगा यही सोच के दिल घबरा रहा है। कोरोना के कहर से लगे लॉकडाउन से हमारी जिदगी मानो जैसे ठहर सी गई है । हमारे सामने आजीविका का संकट बना ही हुआ है। न पास पैसा है, न संसाधन, न पर्याप्त राशन और न ही सरकारी मदद।