सत्संग से होता है जीवन का आध्यात्मिक विकास
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शरीर की पुष्टि एवं इंद्रियोंकी तृप्ति मानव जीवन का उदेश्य नही हो सकता। ब्रह्मविद्या विहंगम योग हमारे जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है। इसके द्वारा हमारे जीवन का संपूर्ण विकास होता है। हम शरीर में हैं, संसार में है, जिदगी बीत रही है । जिदगी जीने में ही सारी जिदगी बीत न जाए। जीवन का आध्यात्मिक विकास सत्संग से ही होता है। आध्यात्मिक जीवन ही श्रेष्ठ जीवन है।
उक्त बातें विहंगम योग संस्थान के संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज ने सदगुरु सदाफलदेव जी महाराज की 66वीं पुण्यतिथि समारोह में डेहरी के कटार में आयोजित 2100 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ एवं विहंगम योग समारोह के पांचवें दिन सोमवार को भक्तों को संबोधित करते हुए कही।
कहा कि भारत आध्यात्मिक देश रहा है, अध्यात्म से ही हमारी पहचान संपूर्ण विश्व में है। इसी आध्यात्मिक ज्ञान की धारा को विहंगम योग के प्रणेता सदगुरू सदाफल देव जी ने अपनी आत्मा में धारण किया ।और संपूर्ण विश्व की मानवता के कल्याण के लिए उसे स्वर्वेद में अभिव्यक्त कर दिया है। मानव जीवन अनमोल है, ईश्वर का महान प्रसाद है, यूं ही नहीं मिला है और हम यूं ही नहीं गंवा सकते। हमारे भीतर अनंत की शक्ति है, ईश्वर ही हमारे भीतर बैठे हैं, हमारे अंदर ज्ञान का अनंत प्रकाश है। आवश्यकता है सदगुरु युक्ति की । जिसके द्वारा हमारा जीवन निखर जाए, संवर जाए, इसीलिए सत्संग है ।और इसीलिए अध्यात्म की आवश्यकता है। मन पर नियंत्रण न होने से ही समाज में तमाम विसंगतियां फैली हैं।
यज्ञ के धुंआ से स्वास्थ्य एवं पर्यावरण शुद्धि का मिलता है लाभ :
विश्वशांति वैदिक महायज्ञ में आहुति देने बैठे यज्ञानुरागियों को संबोधित करते हुए विज्ञान देव जी ने कहा कि यज्ञ का धुंआ कोई डीजल या पेट्रोल का धुंआ नहीं है। यह आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियों का लाभकारी धूम्र है, जिससे स्वास्थ्य लाभ एवं पर्यावरण शुद्धि दोनों का लाभ होता है।
सैकड़ों लोगों को दी जा रही दीक्षा :
यज्ञ में ब्रह्मविद्या विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा आगत नए जिज्ञासुओं को प्रतिदिन दी जा रही है। जिसमें सैकड़ो नए जिज्ञासुओं ने ब्रह्मविद्या विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा को ग्रहण कर अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरूआत की। मौके पर विधि व्यवस्था में मीडिया प्रभारी विजय मिश्र,प्रांतीय अध्यक्ष पीएन सिंह, महासचिव डीएन सिंह, मंत्री रामचंद्र तिवारी के साथ कई लोग शामिल थे।