डेंगू से दर्जनभर पीड़ित, जांच की व्यवस्था नदारद
रोहतास। जिले में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बाद भी स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं है। न तो सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की गई है, न ही जांच की। इस रोग का लक्षण मरीजों में दिखाई पड़ते ही उन्हें रेफर कर बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है।
रोहतास। जिले में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बाद भी स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं है। न तो सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की गई है, न ही जांच की। इस रोग का लक्षण मरीजों में दिखाई पड़ते ही उन्हें रेफर कर बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है। अबतक एक दर्जन लोगों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं, जिनका इलाज पटना व वाराणसी के अस्पतालों में किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की मानें तो दशहरा बाद लगभग एक दर्जन लोग डेंगू से पीड़ित हुए हैं। जिसमें रौजा रोड में स्थित एक जांच क्लीनिक के ही पांच कर्मी शामिल हैं। इनके अलावे एक अस्पताल कर्मी भी डेंगू की जद में है, जिनका इलाज वाराणसी में चल रहा है। आलम यह है कि पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक न तो जांच की व्यवस्था की गई है, न ही इलाज की। खास यह कि निजी जांच घरों में भी किट की व्यवस्था नहीं है। जिससे मजबूरीवश लोगों को बाहर जाना पड़ रहा है।
जलजमाव बढ़ी परेशानी :
डेंगू फैलने का सबसे बड़ा कारण लोग पर्व त्योहार में बाहर से आए लोगों को मान रहे हैं। बाहर से आए डेंगू मरीज के कारण ही यहां अन्य लोगों में भी तेजी से रोग फैल रहा है। ऊपर से जलजमाव की समस्या भी इसका प्रमुख कारण बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों व कोशिशों के बावजूद समस्या गहराती जा रही है। जिससे लोगों के बीच भय का माहौल बना हुआ है। साढ़े तीन माह पूर्व भी उड़ीसा में काम कर रहे जिले के कई मजदूर बीमारी की हालत में लौटे थे। जिन्हें उपचार के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। जिनमें डेंगू के लक्षण पाए जाने पर चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया है। रेफर किए गए मरीजों में सोनू कुमार, श्रीराम साह व अन्य थे।
कहते हैं चिकित्सक :
जब तक इन संदिग्ध मरीजों की जांच में पुष्टि नहीं होती, तब तक इन मरीजों की गिनती डेंगू के मरीजों में नहीं होगी। हालांकि जांच की व्यवस्था सदर अस्पताल में नहीं है। डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है, जो साफ जमा पानी में पनपता है। लोगों को अपने आवास के आसपास जलजमाव नहीं होने देना चाहिए। गंदगी से भी लार्वा पनपता है, इसलिए साफ-सफाई पर भी ध्यान देनी चाहिए।
डा. केएन तिवारी
उपाधीक्षक, सदर अस्पताल।