गुरुद्वारा चाचा फग्गुमल में करनाल से पहुंचे सिख संघत
रोहतास। पटना साहिब में आयोजित होने वाले गुरु गो¨वद ¨सह के 352 पावन प्रकाशोत्सव को ले बाहरी सिख संघत
रोहतास। पटना साहिब में आयोजित होने वाले गुरु गो¨वद ¨सह के 352 पावन प्रकाशोत्सव को ले बाहरी सिख संघतों का इस रास्ते से आगमन शुरू हो गया। हरियाणा करनाल से आए दर्जनों सिख संघत ने सोमवार को स्थानीय ऐतिहासिक चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा पहुंच मत्था टेका। कीर्तन दरबार में शामिल होने के बाद विस्तार से गुरुद्वारा साहिब के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की। करनाल से बाबा गुरमीत ¨सह की अगुवाई में लगभग 500 संगत बनारस से सीधे सासाराम पहुंचे। बताया कि इस ऐतिहासिक गु़रुद्वारा में मत्था टेकने की ललक हर सिख श्रद्धालु के अंदर रहती है। जत्थेदार सर्वजीत ¨सह खालसा ने यहां के गौरवशाली अतीत के बारे में विस्तार से बताया। इस ऐतिहासिक धरोहर का छोटा दरवाजा भी देखा, जिससे गुरू तेगबहादुर घोड़े समेत अंदर प्रवेश किए थे। इसके अलावा 350 साल पुराना बेर साहिब का पेड़ जो गुरूतेग बहादुर ने लगाया था व 400 वर्ष पुराना चाचा फग्गुमल साहिब के लकड़ी का खड़ाउ का भी दर्शन सिख संघत ने किया। लंगर की सेवा के बारे में जत्थेदार सर्वजीत ¨सह खालसा ने बताया कि बाहर से आने वाले सिख संघतों को यहां ठहरने से लेकर लंगर तक की व्यवस्था की गई है। बताया कि इसी ऐतिहासिकता को देखते हुए देश विदेश के संघत यहां मत्था टेकने आते हैं। संघतों का लंगर-पानी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर राजेंद्र ¨सघ, सुमेर ¨सघ, चरणजीत ¨सघ, उदय ¨सघ, जामवंत ¨सघ, सोनू ¨सघ, दिलीप ¨सघ, कुलदीप ¨सघ, रंजना कौर, अनिता कौर, ज्योति कौर, शीला कौर, सुनीता कौर, समराजो कौर समेत गुरुद्वारा कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित थे।