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सासाराम सदर अस्पताल के वेंटिलेटर को है टेक्नीशियन का इंतजार

सदर अस्पताल में कोरोना व दूसरी बीमारियों के गंभीर मरीजों के लिए लगाए गए वेंटिलेटर टेक्नीशियन के अभाव में सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। वेंटिलेटर का इस्तेमाल वैसे मरीज के लिए किया जाता है जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। वैसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:04 PM (IST)
सासाराम सदर अस्पताल के वेंटिलेटर को है टेक्नीशियन का इंतजार
सासाराम सदर अस्पताल के वेंटिलेटर को है टेक्नीशियन का इंतजार

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। सदर अस्पताल में कोरोना व दूसरी बीमारियों के गंभीर मरीजों के लिए लगाए गए वेंटिलेटर टेक्नीशियन के अभाव में सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। वेंटिलेटर का इस्तेमाल वैसे मरीज के लिए किया जाता है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। वैसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है। कोरोना के दूसरे लहर में भी अधिकांश मरीजों को सांस लेने में तकलीफ तथा दम फूलने की समस्या अधिक देखी गई। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की सख्त आवश्यकता थी, लेकिन अस्पताल में वेंटिलेटर होते हुए भी मरीजों को डाक्टरों द्वारा मजबूरी में रेफर करना पड़ रहा था। एक वर्ष पहले ही अस्पताल को मिले थे सात वेंटीलेटर :

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गत वर्ष पीएम केयर फंड से सदर अस्पताल को सात वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन उन्हें चलाने के लिए टेक्नीशियन व डाक्टरों की नियुक्ति नहीं होने से इसे आजतक चालू नहीं किया जा सका है। इस वजह से कोरोना काल में सदर अस्पताल पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को मजबूरी में डाक्टरों द्वारा अन्यत्र रेफर करना पड़ा। कोरोना काल के अलावा सामान्य दिनों में भी अस्पताल पहुंच रहे कई मरीज ऐसे होते हैं, जिनकी स्थिति काफी गंभीर होती है। ऐसे में उन्हें तत्काल वेंटिलेटर की आवश्यकता है, लेकिन अस्पताल में सुविधा उपलब्ध नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

डीएम धर्मेंद्र कुमार की पहल पर जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से तीन मुर्छक व चार ईसीजी-आइसीयू टेक्नीशियन की अस्थाई रूप से तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिला स्वास्थ्य समिति ने चिकित्सकों व वेंटिलेटर टेक्नीशियनों के नियोजन के लिए आवेदन भी मांगा, लेकिन न तो कोई चिकित्सक मिला न टेक्नीशियन ने ही नियोजन में रूचि ली। हालात बिगड़े तो बढ़ेगी परेशानी :

विशेषज्ञों की टीम अगस्त में ही कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जाता रही है। इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतने के लिए आगाह किया जा रहा है। ऐसे में अस्पताल में वेंटीलेटर सिस्टम सुचारु रखना भी अति आवश्यक होगा। दूसरे लहर की परेशानियों से अवगत होने के बावजूद अगर समय रहते वेंटीलेटरों के शुरू नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। कहते हैं अधिकारी :

दूसरे लहर में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इन वेंटीलेटरों को चलाने के लिए डीएम के निर्देश पर निजी अस्पताल को सौंपा गया था, लेकिन अब उसे भी वापस लाने की तैयारी चल रही है। सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार ने बताया की विभागीय दिशानिर्देश के बाद वेंटीलेटर को निजी अस्पतालों से वापस लिया जा रहा है। डाक्टरों और टेक्नीशियनों के अभाव को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया है। वहां से मिले दिशा निर्देशों के अनुसार ही आगे की तैयारी की जाएगी।


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