चौंकिए मत ! यह कोई ठेला नहीं, बल्कि सदर अस्पताल का..
रोहतास। चौकिए मत! यह कोई ठेला गाड़ी नहीं, बल्कि सदर अस्पताल का एंबुलेंस वाहन है। जो गंभीर मरीजों क
रोहतास। चौकिए मत! यह कोई ठेला गाड़ी नहीं, बल्कि सदर अस्पताल का एंबुलेंस वाहन है। जो गंभीर मरीजों को एक-दूसरे अस्पताल में फौरन ले जाने का काम करता है। लेकिन यह सेवा भी इन दिनों खस्ताहाल है। जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस को धक्का देकर चालू करना पड़ता है। इस सेवा को 24 घंटा चुस्त-दुरुस्त रखने को जिला टास्क फोर्स का फरमान भी अब तक धरातल पर नहीं उतर सका है। बहरहाल सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक उपलब्ध एंबुलेंस खराब है। यही नहीं न तो जल जमाव की समस्या ही दूर हो पाई है न सफाई व्यवस्था। बहरहाल जल जमाव से मरीज से लेकर हर कोई परेशान रह रहा है।
धरातल पर नहीं उतरा आश्वासन :
सदर अस्पताल में नासूर बनी जल जमाव की समस्या को तत्काल दूर करने को ले विभागीय मंत्री से अधिकारी तक के मिले आश्वासन धरातल पर नहीं उतर सका है। बरसात की बात तो अलग, अन्य मौसम में भी परिसर में नाली का गंदा पानी बहता है। अस्पताल प्रबंधन डीजल पंप के सहारे जमे पानी को निकालने का काम करता है। नाला निर्माण में आने वाली तकनीकी पेच को सक्षम अधिकारी भी दूर नहीं कर सके हैं।
नहीं बदली लोगों की मानसिकता :
लगभग दो माह पूर्व सदर अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंचे डीएम द्वारा सख्त तेवर दिखाने बाद भी आमलोगों की मानसिकता नहीं बदल सकी है। साफ-सुथरा रखने की बजाए परिसर को गंदा रखने की प्रवृत्ति लोगों में अब भी दिख रही है। परिसर में प्रवेश कर खुले में पेशाब करने की सिलसिला जारी है। यहां तक कि इस पर रोक लगाने का विरोध भी विभाग को झेलनी पड़ रही है।