सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन और उम्र घटाने पर जेजेबी का कड़ा एक्शन, ओवर राइटिंग पर होगी कार्रवाई
रोहतास जिले के सरकारी स्कूलों में नामांकन में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) ने सख्त कदम उठाए हैं। बच्चों की उम्र में हेराफेरी ...और पढ़ें

बिहार सरकारी स्कूल
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। लाख सख्ती के बावजूद जिले के सरकारी विद्यालयों में दाखिला लेने वाले बच्चों के नामांकन में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चों के उम्र करने का खेल जिले के स्कूलों में बड़े पैमाने पर चल रहा है। अब इस पर रोक लगाने के लिए कोर्ट को आगे आना पड़ा है।
पंजी में ओवर राइटिंग कर गड़बड़ी किए जाने पर यहां के किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) के न्यायाधीश ने कड़ी आपत्ति जता सख्त चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में इस तरह की कोई गलती होती है तो संबंधित बीईओ की जवाबदेही तय कर उनपर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए
गत दिनों बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी अमित कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंजी में किए जा रहे बदलाव को गंभीरता से लिया गया है और जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
साथ ही इसके लिए प्रधान दंडाधिकारी ने छह मानक भी तय किए गए हैं, जिस पर हर हाल में अमल करने को कहा गया है। बावजूद पंजी में नामांकित बच्चों के नाम व उम्र में पेंसिल या वाहइटनर से किसी प्रकार का बदलाव किया जाता है तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक व विभागीय अधिकारी की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी।
जुवेनाइल घोषित करने के लिए जन्म तिथि का सहारा
बोर्ड द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद विभागीय अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। वे अपने क्षेत्र के प्रधानाध्यापक व प्रधान शिक्षक को निर्देश दे बोर्ड के निर्देश से अवगत कराने में जुट गए हैंं, ताकि किसी प्रकार की कार्रवाई का सामना न करना पड़े।
बता दें कि आपराधिक मुकदमों में किशोरों को पुलिस द्वारा आरोपित बनाए जाने के बाद उनके अभिभावक उन्हें जुवेनाइल घोषित करने के लिए जन्म तिथि का सहारा लेते हैं। इसके लिए उन्हें बोर्ड या विद्यालय से परित्याग प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
जेजेबी कोर्ट के पदाधिकारी दंग
अभिभावकों द्वारा किशोर न्याय परिषद में दाखिल जन्म प्रमाण पत्र का सत्यापन नामांकन पंजी से किया जाता है। गत दिनों शिवसागर थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में विद्यालय की ओर से दाखिल नामांकन पंजी को देख जेजेबी कोर्ट के पदाधिकारी दंग रह गए थे।
इसे गंभीरता से लेते हुए बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी ने बैठक कर सभी बीईओ को गाइडलाइन जारी किया। विद्यालयों के नामांकन पंजी में ओवरराइटिंग,कटिंग पाए जाने पर चर्चा हुई। जन्मतिथि सुधार भी कई विद्यालयों द्वारा किए जाने की बात सामने आई, जो नियमानुकूल नहीं पाया गया है।
प्रधानाध्यापक को अपने विद्यालय के नामांकन पंजी की विभागीय अधिकारी से जांच कराने का निर्देश दिया गया। अन्यथा कोई भी कमी पाए जाने अथवा जुवेनाइल कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के द्वारा कुछ भी गलती अथवा कमी पाई जाएगी तो संबंधित विद्यालय प्रधान पर जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी उसे की जाएगी
बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन
- नामांकन पंजी अनिवार्य रूप से पूष्ठयांकित होनी चाहिए
- पंजी के प्रत्येक पृष्ठ पर विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए
- पंजी में छात्रों के क्रम बदलाव न हो और क्रम छोड़ कर आगे बढ़ने की प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए
- पंजी के किसी भी प्रविष्टि में व्हाइटनर या पेंसिल का प्रयोग नहीं होना चाहिए
किसी प्रकार की ओवरराइटिंग स्वीकार नहीं
जेजेबी द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक विधि विवादित छात्र-छात्रा का नामांकन पंजी बोर्ड के समक्ष समय से लेकर उपस्थित होंगे। उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि नहीं नामांकन पंजी में प्रविष्टि छात्र-छात्रा से जुड़ी जानकारी में किसी प्रकार की ओवरराइटिंग स्वीकार नहीं होगा।
बीईओ अपने क्षेत्र के विद्यालयों के नामांकन पंजी का समय-समय पर जांच कर सत्यापित करेंगे। अगर किसी प्रकार की त्रुटि पाई जाएंगी तो बोर्ड नियमानुसार कार्रवाई को बाध्य होगा
जुवेलाइन जस्टिस बोर्ड के निर्देश से सभी बीईओ को अवगत करा दिया गया है कि वे इस अपर अमल करना सुनिश्चित करेंगे। इसके बावजूद किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी व कर्मी की जवाबदेही तय कर विभागीय स्तर से भी कार्रवाई की जाएगी।- मदन राय, डीईओ रोहतास

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