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मातृ वंदना योजना में रोहतास जिला पहुंचा तीसरे नंबर पर

रोहतास। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) के तहत प्रथम बार मां बनने वाली महिलाओं के

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 04:48 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 04:48 PM (IST)
मातृ वंदना योजना में रोहतास जिला पहुंचा तीसरे नंबर पर
मातृ वंदना योजना में रोहतास जिला पहुंचा तीसरे नंबर पर

रोहतास। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) के तहत प्रथम बार मां बनने वाली महिलाओं के साथ उनके बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है। प्रति आंगनबाड़ी केंद्र के क्षेत्र में प्रथम बार मां बनने वाली 12 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें रोहतास जिला दो अगस्त तक लक्ष्य के सापेक्ष 83 फीसद उपलब्धि हासिल कर राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया।राज्य में पहले स्थान पर अररिया और दूसरे स्थान पर सहरसा है।

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पीएमएमवीवाई के राज्य नोडल अधिकारी अनीता चौधरी ने दो अगस्त तक जिलावार योजना की वर्तमान स्थिति से सभी जिले को अवगत कराया है। जानकारी के अनुसार जिले में कुल 2740 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील हैं। जिसमें प्रत्येक आंगनबाड़ी से जुड़ी 12 महिलाओं को लाभ दिलाने के लक्ष्यानुसार कुल 32880 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिले में लक्ष्य के सापेक्ष दो अगस्त तक 27300 लाभुकों का विवरण कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फीड किया गया है, जो लक्ष्य का 83 फीसद है।  लंबित राशि के भुगतान का निर्देश:

योजना के अंतर्गत कुल तीन किश्तों में पैसे का भुगतान किया जाता है। इसके लिए सभी जिलों को अधिक से अधिक लाभुकों का विवरण कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फीड कराने के साथ लंबित किश्तों के भुगतान को सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। क्या है योजना:

संस्थागत प्रसव में इजा़फा एवं गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रथम बार मां बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है, जो सीधे उस महिलाओं के खाते में पहुंचती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को तीन किश्तों में दिया जाता है। पहली किश्त 1000 रुपये की तब दी जाती है, जब गर्भवती महिला अपना पंजीकरण कराती है। दूसरी किश्त में 2000 रुपये गर्भवती महिला को छह माह बाद होने प्रसव पूर्व जांच के उपरान्त दी जाती है। तीसरी और अंतिम किश्त में 2000 रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत एवं प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दिया जाता है।

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