महर्षि मेही आश्रम में सत्संग का आयोजन
स्थानीय अम्बेडकर चौक स्थित महर्षि मेही संतमत सत्संग आश्रम में दो दिवसीय 37वें वसंत महोत्सव समारोह को ले बुधवार को जयकारे के साथ सत्संग शुरू हुआ।
स्थानीय अम्बेडकर चौक स्थित महर्षि मेही संतमत सत्संग आश्रम में दो दिवसीय 37वें वसंत महोत्सव समारोह को ले बुधवार को जयकारे के साथ सत्संग शुरू हुआ। 37वां वसंत महोत्सव झुंझुनू धाम डेहरी में हरिद्वार से आए मुख्य प्रवचनकर्ता डॉ. स्वामी विवेकानंद बाबा ने कहा कि जिस प्रकार छत पर चढ़ने के लिए सीढ़ी की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार परमात्मा तक पहुंचने के लिए ध्यान योग ही सीढ़ी है। शरीर रूपी मुसकल में जीव रूपी मूसा फंसा हुआ है। ध्यान साधना से ही जीव परमात्मा से मिल सकता है। जैसे घटाकाश और मठाकाश महदाकाश का ही अंश है, उसी प्रकार जीवात्मा परमात्मा का ही अंश है, जो गुरु युक्ति से प्राप्त हो सकता है। मनुष्य योनि केवल परमात्मा को प्राप्त करने के लिए ही मिला है। संसार संशय और भ्रम का घर है, जो सत्संग ध्यान से ही खत्म हो सकता है। अगर जीवन में मुक्ति चाहते हैं तो सत्संग करना आवश्यक है। मौके पर बाबा अजेनद्र पति त्रिपाठी, सुदर्शन बाबा जगदीश बाबा ने भी आध्यात्मिक प्रवचन दिए।
बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन शाखा डेहरी डालमियानगर के अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला द्वारा महा प्रसाद का भोग लगाकर श्रद्धालुओं के बीच बांटा गया तथा भंडारा का आयोजन किया गया। मौके पर मीना झुनझुनवाला, संत शर्मा, वेदप्रकाश शर्मा, ओम केजरीवाल, सुरज प्रसाद, लखन चौधरी, जयगोविद सिंह, नरसिंह अग्रवाल, बिहारी प्रसाद केसरी, व्यास जी, भोला सर्राफ, राजू सर्राफ, भिखारी राम, गौतम पंडित, रामअवतार गुप्ता, जोखू प्रसाद गुप्ता, अखिलेश प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे।