कारगिल दिवस आज, याद किए जाएंगे रणबांकुरे
रोहतास। कहा गया है कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां
रोहतास। कहा गया है कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भले ही इस जिले का कोई सपूत भारत माता की रक्षा में शहीद न हुआ हो, लेकिन युद्ध के दौरान शहीद सैनिकों के सम्मान में जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय में कारगिल स्मृति चिह्न जरूर बनाया गया है। जिसमें प्रशासन, नेहरू युवा केंद्र के अलावा जनप्रतिनिधियों व अन्य संगठनों का अहम योगदान रहा है। छात्रों व कैडेटों ने की स्मृति स्थल की साफ-सफाई :
26 जुलाई को मनाए जाने वाले कारगिल विजय दिवस की 20 वीं वर्षगांठ को देखते हुए स्मृति स्थल की साफ-सफाई कराने का कार्य गुरुवार को कराया। एनसीसी कैडेटों व छात्रों ने स्थल की साफ सफाई की। जिसमें कर्नल बीएस चौधरी, सेकेंड ऑफिसर चंदन कुमार, अशोक कुमार सिंह, सुबेदार मेजर मनोज कुमार, योगेंद्र सिंह, भरत सिंह, अक्षय कुमार, मुकेश कुमार, अंकित कुमार, रंजीत कुमार, मिथलेश कुमार, संगीता कुमारी, मुस्कान कश्यप, प्रीति कुमारी समेत अन्य कैडेट शामिल थे। डीएम समेत अन्य अधिकारी होंगे शामिल :
20 वीं वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को जिला प्रशासन भव्य बनाने का निर्णय लिया है। जिसकी जिम्मेदारी एनसीसी को दी गई है। सुबह नौ बजे से शुरू कार्यक्रम लगभग दस बजे तक चलेगा। जिसमें डीएम के अलावा एनसीसी व पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। साथ ही आजाद युवा क्लब समेत अन्य युवा संगठनों द्वारा शहीद रणबांकुरों को याद किया जाएगा। बताते चले कि नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से बनने वाले स्मृति चिह्न का शिलान्यास समाहरणालय परिसर में तत्कालीन डीएम डॉ. वसीमुद्दीन अहमद अंजुम ने जनवरी 2002 में किया था। जिसमें आजाद युवा क्लब न्यू एरिया को सहयोगी बनाया गया था। स्मृति स्थल के पास रहता है अंधेरा :
दो दशक में भी इस स्मृति चिह्न का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है, जो कार्य पूरा हुए हैं, वे भी रख- रखाव के अभाव में टूटने-फूटने लगा है। यही नहीं सौंदर्यीकरण के तहत डेढ़ वर्ष पूर्व स्मृति स्थल परिसर में लगाई गई लाइट भी खराब होने लगी हैं। शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है।