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आश्वासन के बाद पहले दिन ही खत्म हुई पंप चालकों की हड़ताल

बीते 16 माह से बकाया वेतन समेत अन्य मांगों को ले नगर परिषद सासाराम से जुड़े पंप ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 10:16 PM (IST)
आश्वासन के बाद पहले दिन ही खत्म हुई पंप चालकों की हड़ताल
आश्वासन के बाद पहले दिन ही खत्म हुई पंप चालकों की हड़ताल

रोहतास। बीते 16 माह से बकाया वेतन समेत अन्य मांगों को ले नगर परिषद सासाराम से जुड़े पंप चालकों का शनिवार से शुरू अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल अधिकारी के आश्वासन पर पहले दिन ही समाप्त हो गया। पंप कर्मियों ने करवंदिया स्थित पंप कार्यालय के पास पहले दिन भूख हड़ताल बैठे रहे। कर्मियों की हड़ताल पर रहने के कारण शहर में पेयजल आपूर्ति प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। कर्मियों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पर मनमानी तथा मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

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संजय कुमार के नेतृत्व में तीन दर्जन से अधिक पंप चालकों ने करवंदिया स्थित पंप कार्यालय के पास भूख हड़ताल प्रारंभ की । शाम में नप ईओ कुमारी हिमानी द्वारा फिलहाल तीन माह का बकाया वेतन भुगतान करने के आश्वासन पर हड़ातल को खत्म किया गया।

कर्मियों ने कहा कि आश्वासन के बावजूद अब तक बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका था। वेतन के अभाव में कर्मियों के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गई है। महंगाई के इस दौर में वेतन न मिलना गंभीर बात है। कहा कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में विजय कुमार, मदन प्रसाद, जयप्रकाश गुप्ता, विकास कुमार, दिनेश यादव, नीरज कुमार, धनजी प्रसाद, प्रेम कुमार लाल, गुलाब कुमार, र¨वद्र कुमार ¨सहा, धर्मेंद्र कुमार, करन कुमार सोनी, विनोद कुमार, अरूण शर्मा, राजीव रंजन कुमार, महेंद्र कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार शर्मा, राजेश राम, सोनू कुमार मसेत अन्य शामिल थे। वहीं कर्मियों की हड़ताल से शहर में पानी के लिए लोग भटकते रहे। स्टैंड पोस्ट पर जहां सन्नाटा रहा, वहीं चापाकलों पर सुबह से ही भीड़ लगी रही। शहर के अधिकांश मुहल्लों के चापाकल का पानी खारा होने के कारण कई घरों में बोतल व डब्बा बंद पानी खरीद कर काम चलाया गया। वहीं गरीब खारा पानी से ही किसी तरह अपनी प्यास बुझाए। लोगों की मानें तो नगर परिषद की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानी बढ़ गई है। जब जलापूर्ति ठप करने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था तो पानी का टैंकर की व्यवस्था करनी चाहिए थी। वहीं नगर परिषद में पानी को ले मचे हाहाकार के बाद तीन माह का वेतन भगुतान का आश्वासन दे किसी प्रकार हड़ताल को समाप्त कराया।


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