सोन नदी में दर्जन से अधिक बालू घाटों का संचालन, करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि
जिले में अवैध बालू खनन व ओवरलोडिग पर लगाम लगाने की प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी यह धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जिले में अवैध बालू खनन व ओवरलोडिग पर लगाम लगाने की प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी यह धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका पता तब चलता है, जब ओवरलोड बालू लदे ट्रक सड़क पर कहीं फंस जाते हैं। ओवरलोड बालू लदे ट्रक जब सड़कों से गुजरते हैं, उस दौरान लोगों को पता नहीं चल पाता है कि ट्रक पर क्या लदा है। क्योंकि ट्रकों पर बालू लोड कर उसे तिरपाल से ढंक दिया जाता है।
इन दिनों डेहरी- सासाराम जीटी रोछ, डेहरी-बिक्रमगंज भाया डुमरांव एनएच 120 पथ पर दिन हो या रात धड़ल्ले से ओवरलोडिग का खेल जारी है। बालू लदे ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने में स्थानीय अधिकारी विफल हैं। बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इस पथ पर कई जगहों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है, जबकि सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से ओवरलोड गलत है। सड़क पर गड्ढे होने के कारण बाइक सवार अक्सर गिरकर चोटिल हो जाते हैं। लेकिन खनन विभाग इससे अनभिज्ञ बना हुआ है। स्थानीय अधिकारी एवं खनन विभाग के ढुलमुल रवैये से बालू का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है। इस ओवरलोडिग के खेल को अंजाम देने के लिए वाहन मालिकों द्वारा चार पहिया वाहन से प्रशासन की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। इसके बाद ओवरलोड बालू लदे ट्रकों को यूपी की सीमा को पार कराया जाता है। सोन नदी में इस समय 15 से अधिक अवैध घाटों का संचालन हो रहा है। जहां से लगभग एक हजार ट्रक व डंपर से बालू की ढुलाई की जा रही है। इन अवैध खनन से जहां पर्यावरण व जलीय जीवों का नुकसान हो रहा है, वहीं सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति भी हो रही है। डीएम पंकज दीक्षित का कहना है कि सभी एसडीओ, सीओ के अलावा खनन व पुलिस प्रशासन को अवैध बालू घाटों के संचालन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। बावजूद अवैध घाटों का संचालन हो रहा है तो इसकी जांच करा दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।