अब रेलकर्मियों को मिलेगा डिजिटल पास, रुकेगा दुरुपयोग
पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के 13 हजार रेल कर्मचारियों को अब डिजिटल पास मिलेगा। इस
पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के 13 हजार रेल कर्मचारियों को अब डिजिटल पास मिलेगा। इसकी कवायद रेलवे बोर्ड का पत्र आते ही शुरू कर दी गई है। डिजिटल पास से रेलवे को होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी तथा फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
रेलवे बोर्ड की ओर से डिजिटल पास मुहैया कराने के लिए मिले निर्देश के बाद रेल प्रशासन तत्पर दिख रहा है। सासाराम डेहरी, पहलेजा, करवंदिया, सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के सभी रेलकर्मियों को अब रेल प्रशासन डिजिटल पास मुहैया कराने में जुट गया है। जल्द ही मंडल के तकरीबन 13 हजार रेलकर्मियों को डिजिटल पास की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। बताते चलें कि मैनुअल पास होने और इस पर तस्वीर नहीं होने के कारण इसका दुरुपयोग दूसरे लोगों द्वारा किया जाता था। जिससे रेलवे को राजस्व की भारी क्षति होती थी। वहीं पास का उपयोग टिकट आरक्षण के लिए किए जाने का प्रावधान है। कैग के प्रतिवेदन में भी कहा गया है कि रेलवे के राजस्व में आठ से दस फीसदी का नुकसान कर्मियों पास का दुरुपयोग के कारण होता है। कैग ने रेल यात्री किराए में रियायतों के साथ खासतौर पर रेल कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलने वाली पास को भी नुकसान की एक वजह माना है। चूंकि रेलवे कर्मचारी व अधिकारियों को व्यक्तिगत यात्रा के दौरान टिकट लेने का प्रावधान है। उन्हें साल में एक निश्चित यात्रा पास दिया जाता है, जिसका वे उपभोग कर सकते हैं।
वहीं ईसीआर केंद्रीय यूनियन के उपाध्यक्ष डीपी यादव का कहना है कि डिजिटल पास की आड़ में केंद्र सरकार निजीकरण नीति को बढ़ावा देने में लगी है। इस नई नीति के कारण प्रिटिग प्रेस बंद किए जा रहे हैं और येन-केन-प्रकारेण कर्मचारियों को छंटनी की कवायद की जा रही है। कहते हैं अधिकारी :
रेलवे बोर्ड की ओर से डिजिटल पास के लिए कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश जारी किया गया है। नई व्यवस्था में जो पास बनेगा, उस पर कर्मचारी का डिजिटल हस्ताक्षर होगा। पास के आधार पर टिकट लेते समय बुकिग क्लर्क हस्ताक्षर का मिलान कर लेगा। इससे दुरुपयोग व फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलेगी। अब कर्मचारी दूसरे को भेजकर आरक्षित टिकट बुक नही करा सकते हैं। उन्हें खुद काउंटर पर पहुंचना होगा। उनके पास का कोई दूसरा व्यक्ति या कर्मचारी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। जिससे फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगेगा।
-अजीत कुमार सिह, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, पीडीडीयू रेल मंडल