नजमा बेगम निर्विरोध बनीं नप की मुख्य पार्षद
रोहतास। स्थानीय नप सभागार में शनिवार को मुख्य पार्षद के लिए कराए गए चुनाव में वार्ड संख्या 17 क
रोहतास। स्थानीय नप सभागार में शनिवार को मुख्य पार्षद के लिए कराए गए चुनाव में वार्ड संख्या 17 की पार्षद नजमा बेगम को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। चुनाव के लिए निर्धारित समय दिन के 11 बजे सभागार में कुल 28 पार्षदों की मौजूदगी में चुनावी प्रक्रिया निर्वाची पदाधिकारी सह एडीएम ओमप्रकाश पाल की देखरेख में शुरू की गई। मुख्य पार्षद पद के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर महज एक नामजदगी का ही पर्चा भरा गया। वार्ड पार्षद नजमा बेगम के मुख्य पार्षद की दावेदारी का प्रस्ताव वार्ड पार्षद अतेंद्र ¨सह ने लाया। वहीं इसका समर्थन पूर्व मुख्य पार्षद तथा वार्ड संख्या 30 की पार्षद गुलशन अफरोज द्वारा किया गया। प्रस्ताव को सदन में मौजूद सभी वार्ड पार्षदों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके उपरांत निर्वाची पदाधिकारी सह एडीएम ओमप्रकाश पाल ने नजमा बेगम के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा के बाद उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान 28 वार्ड पार्षदों के अलावे डीडीसी हासिम खां, सदर एसडीएम अमरेंद्र कुमार, नप ईओ मनीष कुमार सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
बताते चलें कि गत एक माह से मुख्य पार्षद का पद रिक्त था। वित्तीय अनियमितता के मामले में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य पार्षद नाजिया बेगम को प्रथम ²ष्ट्या आरोपी मानते हुए पद से बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी की कार्रवाई गत 25 मई को की गई थी। प्रधान सचिव के इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने 23 जून को याचिका को सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया था। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने लगभग 10 दिन पूर्व ही मुख्य पार्षद का चुनाव कराने की तिथि निर्धारित करते हुए डीएम को आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिया था।
चर्चा में रही 11 पार्षदों की अनुपस्थिति
सासाराम : लगभग एक महीने तक नगर परिषद की राजनीति में आए भूचाल के बाद शनिवार को उसका राजनीतिक पटाक्षेप हो गया। 40 सदस्यों वाली नगर परिषद में फिलहाल 39 पार्षद हैं। मुख्य पार्षद चुनाव के लिए निर्धारित समय पर बर्खास्त मुख्य पार्षद नाजिया बेगम समेत 11 पार्षदों की सदन से अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। चुनावी प्रक्रिया से अनुपस्थित रहने वालों में उप मुख्य पार्षद चंद्रशेखर ¨सह के अलावे स्थाई सशक्त समिति के सदस्य भी शामिल थे। चुनाव संबंधी बैठक से अनुपस्थित रहने वालों में पूर्व मुख्य पार्षद व वार्ड संख्या 12 की पार्षद शशि पांडेय, रीता सिन्हा, हेमा देवी, जुलेखा बेगम, लालती देवी, रमावती देवी, निर्मला देवी, विनोद कुशवाहा, विकास कुमार उर्फ सोनू सिन्हा शामिल थे। सनद रहे कि शुक्रवार की देर रात तक एड़ी-चोटी की कोशिश के बावजूद समर्थन जुटा पाने में नाकाम रहे बर्खास्त मुख्य पार्षद के खेमे के पार्षदों ने अपने आपको चुनावी प्रक्रिया से अलग रखना ही बेहतर समझा। शहर के चौक-चौराहों पर इसको ले अलग-अलग चर्चा चल रही है।
मुख्य पार्षद चुनाव को ले रही गहमागहमी
सासाराम : मुख्य पार्षद चुनाव को ले शनिवार की सुबह से ही नप परिसर में गहमागहमी थी। हमेशा खुला रहने वाला नप का मुख्य गेट बंद कर परिसर में वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया गया था। यहां तक की बाइक तक को परिसर में लाने की मनाही थी। सिर्फ प्रशासन की गाड़ी को ही अंदर जाने की इजाजत थी। किसी भी समस्या से निबटने को परिसर में पर्याप्त संख्या में पुलिसबल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। परिसर में नव निर्वाचित मुख्य पार्षद नजमा बेगम के समर्थकों का सुबह से ही जमावड़ा लगा था। घड़ी की सूई जैसे ही 12:30 पर पहुंची नजमा बेगम के मुख्य पार्षद चुने जाने की औपचारिक घोषणा हो गई। इसके साथ ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया। खुशी में मिठाईयां भी बांटी गईं।
जीत के जश्न में निकला जुलूस
सासाराम : नगर परिषद मुख्य पार्षद के रूप में नजमा बेगम के निर्विरोध निर्वाचित होने की खुशी में शनिवार को समर्थकों ने जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार किया। शहर की मुख्य सड़को पर निकाले गए जुलूस में समर्थकों के साथ नव निर्वाचित मुख्य पार्षद ने लोगों का अभिवादन व धन्यवाद किया। कहा कि अपने कार्यकाल में पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पद की गरिमा के अनुरूप कार्य करूंगी।
पहले शिकस्त, बाद में फतह
सासाराम : नगर परिषद की नव निर्वाचित मुख्य पार्षद नजमा बेगम 2012 में मुख्य पार्षद के लिए निवर्तमान मुख्य पार्षद नाजिया बेगम से शिकस्त खा चुकी थीं। 2012 के नगर निकाय चुनाव में वार्ड संख्या 17 से पार्षद के रूप में चुनकर आई नजमा बेगम ने मुख्य पार्षद के लिए किस्मत आजमाई थी। लेकिन उसमें उन्हें नाजिया बेगम से मुंह की खानी पड़ी थी। लेकिन कहते हैं कि इतिहास अपने को दुहराता है। समय ने पलटा खाया और नप में वित्तीय अनियमितता के आरोप में नाजिया को विभाग ने बर्खास्त कर दिया। एकबार फिर मौका नजमा के हाथ आया, और इस बार उन्होंने मुख्य पार्षद की कुर्सी पर निर्विरोध कब्जा कर लिया।