उद्घाटन को तैयार द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय एवं आरपीएफ पोस्ट
रोहतास। पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी शुक्रवार को स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रेलवे क
रोहतास। पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी शुक्रवार को स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रेलवे की ओर से कई सौगात देंगे। रेल प्रशासन द्वारा ए श्रेणी दर्जा प्राप्त इस स्टेशन पर यात्री सुविधाएं विकसित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जीएम के आगमन को ले तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।
डीआरएम पंकज सक्सेना के अनुसार रेल महाप्रबंधक देश के सबसे लंबे व पहले सोन नदी पर बने तीसरी लाइन के रेल पुल निर्माण के बाद पुल पर बने न्यूरिभर्शेबुल लाइन पर पैदल चलकर इसका अवलोकन करेंगे। अपने 40 मिनट के कार्यक्रम में डेहरी स्टेशन पर बने द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय, आरपीएफ पोस्ट, सीटीआई ऑफिस व नए ओवर फुट ब्रिज के उतरी संपर्क पथ का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद पहलेजा रेलवे स्टेशन के नए भवन, प्लेटफॉर्म व रेलवे वेयर हाउस गोदाम का उद्घाटन करेंगे। प्रबंधक अशीम कुमार ने बताया कि जीएम के आगमन को ले तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इनसेट
डेहरी आन सोन में इनका होगा उद्घाटन :
रेलवे स्टेशन पर नवनिर्मित सीटीआई ऑफिस, आरपीएफ पोस्ट, द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय, रेलवे ऊपरी पुल के उतरी संपर्क पथ, पहलेजा रेलवे स्टेशन के नवनिर्मित स्टेशन भवन, प्लेटफार्म व सोलर लाइट का उद्घाटन, नवनिर्मित रेलवे सेंट्रल वेयर हाउस गोदाम का उद्घाटन इनसेट
उद्घाटन के चार वर्षों बाद मिलेगा पैदल ऊपरी पुल :
रेलवे द्वारा स्टेशन परिसर में निर्मित फुट ओवरब्रिज का उद्घाटन चार वर्षों पूर्व ही कर दिया गया था, लेकिन इसके दोनों तरफ संपर्क पथ का निर्माण नहीं होने से यात्रियों के लिए यह अनुपयोगी बना था। फुट ओवरब्रिज के संपर्क पथ के निर्माण नहीं होने यात्री जान जोखिम में डाल ट्रैक पार कर स्टेशन पहुंचते थे। इनसेट
जीएम रेलवे सबसे लंबे पुल का करेंगे अवलोकन :
इतिहास में सबसे लंबे सोननदी पर बने देश के सबसे लंबे व पहले थ्री ट्रैक के तीन किमी लंबे पुल पर जीएम पैदल चलकर इसका अवलोकन करेंगे। इसके ठीक बगल में पूर्वी डेडीकेट फ्रेट कोरिडोर के लिए तीन किलोमीटर से अधिक लंबे एक और रेल पुल का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो गया है।
विदित है कि सोन नदी पर पहले रेलवे ब्रिज का निर्माण वर्ष 1900 में हुआ था। जो अपने समय का नदी पर विश्व के सबसे लंबा रेल पुल माना जाता था। शाहाबाद गजेटियर के अनुसार दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने के लिए सोन पर बने रेलवे ब्रिज पर फरवरी 1900 में रेल यातायात प्रारंभ हुआ था। 93 पाया वाले 10,052 फीट लंबे आयरन ग्रेडर व पत्थर के बने पुराने ब्रिज को लंबाई के लिहाज से विश्व में दूसरा स्थान दिया गया था।