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उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ महापर्व छठ संपन्न

उग हो सूरज देव, भइल अरघ के बेर, जल बीच खाड़ बानी कांपता बदनवां...। बुधवार को छठ व्रतियों द्वारा गाय क

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 05:21 PM (IST)
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ महापर्व छठ संपन्न
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ महापर्व छठ संपन्न

उग हो सूरज देव, भइल अरघ के बेर, जल बीच खाड़ बानी कांपता बदनवां...। बुधवार को छठ व्रतियों द्वारा गाय के दूध से उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया। हवन के बाद चार दिवसीय आस्था व प्रकृति पूजा का महापर्व छठ संपन्न हो गया। इसके पूर्व मंगलवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पण किया। दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर जाने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर के कुराइच सोन नहर स्थित त्रिलोचन घाट, महद्दीगंज नहर घाट, मुरादाबाद नहर, बेदा उच्च स्तरीय नहर व सूर्य मंदिर तालाब, दुर्गा कुंड फजलगंज, बेद डग, बलडिहवा तालाब, न्यू एरिया तालाब, सुकृत नगर भास्कर घाट सहित कई जगहों पर हजारों श्रद्धालुओं ने छठ व्रत कर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की।

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घाटों पर लोक अनुशासन से भारी भीड़ के बावजूद सबकुछ व्यवस्थित रहा। खतरनाक जगहों पर स्नान नहीं करने, अ‌र्घ्य के समय की जानकारी सहित अन्य सूचनाएं छठ पूजा कमेटी सदस्यों द्वारा लगातार इस बार भी माइक से दी जाती रही। वरीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी घाटों पर गश्त लगाते रहे। सादे लिबास में महिला पुलिस भी तैनात रही। कइली बरतिया तोहार हे छठी मईया.. छठ महाव्रत के तीसरे दिन मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने के लिए सिर पर दउरा लिए लोगों का हुजूम छठ घाटों की ओर चल पड़ा। टोलियों में व्रती सामूहिक रूप से छठी मईया की गीत गा रही थी। वहीं कई व्रती धरती पर दंडवत करते छठ घाट की तरफ जा रहे थे। इन व्रतियों से कई लोगों ने आशीर्वाद भी लिया। जिले के कई घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। दउरा पर जल रहे मिट्टी के दीये व पारंपरिक छठ गीतों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। खास यह कि छठ व्रत को कई जनप्रतिनिधि, नेता व अधिकारियों ने भी किया। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने के बाद भी घंटों व्रती घाट पर भगवान सूर्यदेव का स्मरण करते रहे। दर्शन दिहीं हे आदित्यदेव..बुधवार को भोर होने से पहले ही छठ घाटों की तरफ व्रतियों के जाने का सिलसिला आरंभ हो गया। उषाकाल में व्रती सूप में पूजन सामग्री के साथ जलाशयों में गाय के दूध से भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इसके पूर्व वे काफी देर तक जलाशयों में स्नान के बाद हाथ जोड़े खड़े रहे। घाटों पर समाजसेवी व्यवस्था संभाले रहे। व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए दर्जनों समाजसेवियों व सामाजिक संगठनों के सदस्य तत्पर दिखे। फल, सूप, साड़ी सहित अन्य पूजन सामग्री उपलब्ध कराने की भी होड़ लगी रही। कई लोगों द्वारा आम का दातून, गाय का दूध व व्रत संपन्न होने पर चाय की भी व्यवस्था की गई थी। जगह- जगह प्राथमिक उपचार के लिए भी स्टाल लगाए गए थे। वहीं स्थानीय घाटों पर एसडीओ राजकुमार गुप्ता, एएसपी राजेश कुमार, समेत कई मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी गश्त लगाते रहे।


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