सरकारी जमीन दूसरे के नाम करने वाले काराकाट CO अमरेश निलंबित, रिश्वतखोरी में चकबंदी पदाधिकारी पर भी एक्शन
Rohtas News सिंचाई विभाग की जमीन को आपत्ति के बावजूद निजी व्यक्ति के नाम करने के आरोप में काराकाट के अंचलाधिकारी अमरेश कुमार को विभाग ने निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान निलंबित सीओ का मुख्यालय सारण प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय बनाया गया है।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। सिंचाई विभाग की जमीन को आपत्ति के बावजूद निजी व्यक्ति के नाम करने के आरोप में काराकाट के अंचलाधिकारी अमरेश कुमार को विभाग ने निलंबित कर दिया है।
निलंबन अवधि के दौरान निलंबित सीओ का मुख्यालय सारण प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय बनाया गया है।
घूस लेने वाले चकबंदी पदाधिकारी को भी किया निलंबित
वहीं, लगभग दो माह पूर्व 12 हजार रुपये घूस लेते निगरानी के हत्थे चढ़े दावथ के चकबंदी पदाधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। चकबंदी पदाधिकारी का निलंबन गिरफ्तारी की तिथि से माना जाएगा। फिलहाल वह केंद्रीय कारा बेउर पटना में बंद है।
जानकारी के मुताबिक, डीएम धर्मेंद्र कुमार ने लगभग एक वर्ष पूर्व काराकाट के सीओ पर ऑनलाइन दाखिल- खारिज आवेदन में अनियमितता बरतने, क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर वादों का निष्पादन, अवैध बालू खनन व ओवरलोडिंग को रोकने में विफल रहने तथा आपत्ति के बावजूद सिंचाई विभाग की जमीन को एक निजी व्यक्ति करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विभागीय व अनुशासनिक कार्रवाई के लिए सरकार को भेजा था।
जेल में बंद है चकबंदी पदाधिकारी
डीएम के अनुशंसा के आलोक में विभाग ने संबंधित अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग थी, जो संतोषजनक नहीं रहा। दोबारा डीएम ने 15 मार्च 2023 को अपना मंतव्य विभाग को भेजा था, जिस आलोक में विभाग ने उनके निलंबन पर अपनी मुहर लगाई है।
वहीं, 23 मार्च 2023 को निगरानी की धावा दल दावथ अंचल में कार्यरत चकबंदी पदाधिकारी सुशील कुमार को 12 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन्हें भी विभाग ने गुरुवार को निलंबित कर दिया। फिलहाल चकबंदी पदाधिकारी बेउर जेल में बंद हैं।