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कैदियों की पेशी के अभाव में अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख

रोहतास। न्यायालय में मुकदमों का बोझ कम करने के लिए अब जेल व न्यायालयों को हाईटेक किय

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 06:04 PM (IST)
कैदियों की पेशी के अभाव में 
अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख
कैदियों की पेशी के अभाव में अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख

रोहतास। न्यायालय में मुकदमों का बोझ कम करने के लिए अब जेल व न्यायालयों को हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए जिला न्यायालय, अनुमंडलीय न्यायालयों, मंडलकारा व अनुमंडलीय जेल बिक्रमगंज में मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग प्रणाली विकसित की जाएगी। इससे राज्य के किसी भी जेल में बंद कैदियों को किसी भी कोर्ट में पेशी के लिए आने-जाने से मुक्ति मिलेगी। समय पर अभियुक्तों की उपस्थिति सुनिश्चित होने से मुकदमों का निष्पादन भी तेज गति से होगा। मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग सिस्टम पर जिले में लगभग छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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जिला कोर्ट से लेकर अनुमंडलीय कोर्ट तक में 45 हजार से अधिक मुकदमें अभी भी सुनवाई व निष्पादन के लिए लंबित हैं। इसमें कई मामले एक से दो दशक पूर्व के भी हैं। जिसमें समय से अभियुक्तों व अभियोजन पक्ष की उपस्थिति नहीं होना सबसे बड़ा कारण बताया जाता है। जानकारों का कहना है कि जेलों में कई बंदी ऐसे भी हैं, जिनपर कई जिलों के विभिन्न न्यायालयों में मामले लंबित हैं। जिन्हें निर्धारित तिथि पर उक्त जिले में ले जाकर उपस्थिति सुनिश्चित करानी पड़ती है। नहीं जाने पर मामला लंबित रह जाता है। सड़क जाम व विभिन्न पार्टियों, संगठनों द्वारा किए जाने वाले बंद के कारण भी कैदियों की समय से उपस्थिति नहीं हो पाती है।

मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग से दूर होगी समस्या :

मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से राज्य के विभिन्न न्यायालय सभी जेलों से जुड़ जाएंगे। जिस कोर्ट में जिस कैदी की जिस दिन पेशी होगी, जेल में बैठे ही वीडियो कांफ्रें¨सग से उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो जाएगी। जिससे न केवल पुलिस प्रशासन को श्रम की बचत होगी, बल्कि पैसे भी कम खर्च करना पड़ेगा।

कारा प्रशासन ने दी स्वीकृति :

मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग के लिए कारा एवं सुधार महानिदेशालय ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर राशि भी विमुक्त कर दी है। काम की जवाबदेही बेल्ट्रान को दिया गया है। बेल्ट्रान द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में ही कार्य को पूरा करा देना है। एक जेल या कोर्ट में इस सुविधा को बहाल करने पर एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी।

कहते हैं जेल अधीक्षक :

मंडलकारा सासाराम में अभी केवल जिला कोर्ट सासाराम से ही वीडियो कांफ्रें¨सग की सुविधा है। मल्टी वीडियो कांफ्रें¨सग की सुविधा होने से यह जेल राज्य के किसी भी जेल या कोर्ट से जुड़ जाएगा। कोर्ट के निर्देश पर कैदियों को यहीं से वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित हो जाएगी।

संजीव कुमार,

जेल अधीक्षक, मंडलकारा सासाराम


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