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कृषि विज्ञान केंद्र में अब मिलेंगे देश के सबसे उन्नत मत्स्य बीज: डॉ. रामपाल

कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास अब देश के सबसे उन्नत मत्स्य बीज किसानों को उपलब्ध कराएगा। जिससे यहां के मछली उत्पादक किसानों को बाहर से बीज नहीं मंगाना पड़ेगा। इससे मछली पालक किसानों को काफी लाभ होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:05 AM (IST)
कृषि विज्ञान केंद्र में अब मिलेंगे देश के सबसे उन्नत मत्स्य बीज: डॉ. रामपाल
कृषि विज्ञान केंद्र में अब मिलेंगे देश के सबसे उन्नत मत्स्य बीज: डॉ. रामपाल

संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज: रोहतास। कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास अब देश के सबसे उन्नत मत्स्य बीज किसानों को उपलब्ध कराएगा। जिससे यहां के मछली उत्पादक किसानों को बाहर से बीज नहीं मंगाना पड़ेगा। इससे मछली पालक किसानों को काफी लाभ होगा। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ रामपाल ने बताया कि मंगलवार को केंद्रीय मीठा जलजीव पालन अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वर से कार्प प्रजाति के उन्नत मत्स्य बीज, जयंती रोहू एवं इंप्रूव्ड कतला के बीज स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के तालाब में संचय किए गए हैं। कुल एक लाख उन्नत मत्स्य प्रभेद के बीज का संचय किया गया है, जिसे अंगुली का ईयरलिग मछली बीज बनाकर किसानों को उचित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पिछले वर्ष जयंती रोहू एवं इंप्रूव्ड कतला मत्स्य प्रजाति के प्रत्यक्षण किसानों के यहां कराए गए थे। आम रोहू की प्रजाति की तुलना में पिछले वर्ष जयंती रोहू की वृद्धि दर 18 फीसद अधिक दर्ज की गई थी। जयंती रोहू आम रोहू मछली से दो महीने पहले ही बाजार में बेचने लायक हो गई थी। जयंती रोहू के पालन से 40 फीसद अधिक आर्थिक लाभ किसानों को प्राप्त हुआ था। एरोमोनास बीमारी के प्रति जयंती रोहू में प्रतिरोधक क्षमता विकसित की गई है। अत: यह ज्यादा प्रतिरोधी क्षमता वाली मत्स्य प्रजाति है।

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इंप्रूव्ड कतला प्रजाति का प्रत्यक्षण परिणाम जयंती रोहू से भी अच्छा रहा था। आम कतला प्रजाति की तुलना में इंप्रूव्ड कतला प्रजाति की 50 फीसद तक अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। इंप्रूव्ड कतला प्रजाति सिर्फ छह महीने में एक किलोग्राम की हो गई थी। इसके उत्साहजनक परिणाम के कारण कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास ने अपने फार्म पर ही इनके ईयरलिग तैयार करने का निर्णय लिया और यह फरवरी माह से यहां के किसानों के लिए उपलब्ध होगा।

इन उन्नत मत्स्य प्रभेदों को ईयरलिग बनाकर किसानों को दिए जाएंगे। ईयरलिग अथवा संकुचित मत्स्य बीज ऐसे मत्स्य बीजों को कहा जाता है जो वजन में 50 से 60 ग्राम के हों, परंतु उम्र में नौ से 12 महीने तक हो। ऐसी ही संकुचित अथवा ईयरलिग मत्स्य बीज अगले वर्ष से कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले के किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा ।


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