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संरक्षण के अभाव में मिट रहे ऐतिहासिक धरोहरों के वजूद

रोहतास। संरक्षण के अभाव में जिले के कई ऐतिहासिक धरोहरों के वजूद पर संकट है। उपेक्ष्

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 05:35 PM (IST)
संरक्षण  के अभाव में मिट रहे ऐतिहासिक धरोहरों के वजूद
संरक्षण के अभाव में मिट रहे ऐतिहासिक धरोहरों के वजूद

रोहतास। संरक्षण के अभाव में जिले के कई ऐतिहासिक धरोहरों के वजूद पर संकट है। उपेक्षा के शिकार हो रहे ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जिला प्रशासन से लेकर पर्यटन व पुरातत्व विभाग भी चुप्पी साधे हुए है। यहां शेरशाह मकबरा के अलावा हसनशाह सूरी का मकबरा, सलीम शाह का मकबरा, रोहतासगढ़ किला, अलावल खां का मकबरा, शेरगढ़ का किला,अशोक शिलालेख, मांझर कुंड जैसे जलप्रपात, ताराचंडी व सूफी संतों की कई मजारें हैं। परंतु प्रचार के अभाव में पर्यटकों की पहुंच से दूर है। स्टेशन पर भी इस तरह की कोई सूचना या जानकारी की होर्डिंग नहीं हैं।

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सरकारी वेबसाइट की फोटो गैलरी में जिले के कई ऐतिहासिक स्थल गायब हैं। कुछ की जानकारियां भी हो तो वह भी आधी-अधूरी । इको सर्किट में यहां के झरनों की चर्चा तक नहीं हैं तो सूफी सर्किट में किसी सूफी संत का नाम नही है। अशोक के शिलालेख को कैद कर उसपर ताला जड़ दिया गया है। जिसे खुलवाने के लिए पुरातत्व विभाग जिला प्रशासन के पास वर्षों से गुहार लगा रहा है। इस मुद्दे को ले पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद ने विधान सभा तक मामला उठाया था, परंतु कोई परिणाम अब तक नहीं निकला। शहर से होकर गुजरने वाले बौद्ध श्रद्धालु इस शिलालेख को देख भी नहीं पाते है। शिलालेख पर चूना की पुताई से उसके अस्तित्व पर संकट आ गया है। तकिया स्थित सलीमशाह का मकबरा भी उचित संरक्षण के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है। तलाब के बीच बना यह मकबरा भी काफी खूबसूरत है। इस स्थल की खूबसूरती के कारण कई सिनेमा की शू¨टग भी यहां हो चुकी है। फिलहाल उपेक्षा के कारण यह भी अपने वजूद को खो रहा है। जानकारों का मानना है कि जिस तरह पर्यटन विभाग ने बुद्ध सर्किट, जैन सर्किट, सूफी सर्किट बनाया है, उसी तरह से क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए शेरशाह सर्किट भी बनाया जाना चाहिए। पुरातत्व विभाग के स्थानीय अधिकारी नीरज कुमार कहते है कि जो धरोहर पुरातत्व विभाग के अधीन है, उनका संरक्षण किया जा रहा है। अशोक शिलालेख के लिए कई बार जिला प्रशासन को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जा चुका है।लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।


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