महालेखाकार से कराई जाएगी हाई स्कूल तकिया में वित्तीय गड़बड़ी की जांच
रोहतास। श्रीशंकर इंटरस्तरीय विद्यालय में जांच अधिकारी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता क
रोहतास। श्रीशंकर इंटरस्तरीय विद्यालय में जांच अधिकारी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता को सही पाया है। जिसे गंभीरता से लेते हुए डीईओ ने लेखा पंजी का ऑडिट महालेखाकार से कराने का निर्णय किया है। साथ ही जांच के दौरान जिन शिक्षकों की उपस्थिति संदेहास्पद पाई है, उन्हें नो वर्क, नो पेमेंट के आधार पर वेतन भुगतान करने का आदेश विभागीय अधिकारी को दिया है।
डीईओ प्रेमचंद्र ने बताया कि डीएम के निर्देश पर छह व सात सितंबर को विद्यालय का निरीक्षण किया गया था। छह को डीपीओ माध्यमिक शिक्षा ने विद्यालय की जांच की थी, जबकि सात को उनके द्वारा की गई। जिसमें कई खामियां पाई गई। उपस्थिति पंजी में जांच अधिकारी द्वारा क्रास लगाने के बाद भी शिक्षक अमित कुमार द्वारा प्रधानाध्यापक की मदद से हाजिरी दर्ज देखी गई है। जबकि कई शिक्षकों के कॉलम में गलत तरीके से हाजिरी बनाई गई। आठ अतिथि शिक्षकों में से मात्र दो ही उपस्थित रहे। बहरहाल विद्यालय में शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय पाई गई और प्रधानाध्यापक का अपने कर्मियों पर किसी भी प्रकार का प्रशासनिक नियंत्रण नहीं पाया गया। शिक्षक शिक्षण कार्य की बजाए गैर शिक्षण कार्य में अधिक दिलचस्पी दिखाते पाए गए। यहां तक कि शिक्षकों में गुटबंदी होने के कारण पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कहा कि विद्यालय में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। जांच के दरम्यान 30 बीएड प्रशिक्षु क्लास में पढ़ा रहे थे, वहीं पदस्थापित शिक्षक बरामदे में बैठ गपशप कर रहे थे, जबकि शिक्षकों को शिक्षण कार्य में प्रशिक्षुओं की मदद करना चाहिए था। पिछले छह माह से किसी प्रकार का लेखा संधारण संबंधित लिपिक द्वारा नहीं किया गया है। स्पष्टीकरण पूछने के बाद भी लिपिक रविद्र कुमार सिंहा द्वारा समयाभाव होने के कारण जवाब नहीं देने की बात कही गई है। कार्यरत अन्य दो लिपिक द्वारा भी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया जा रहा था। रोकड़ पंजी का संधारण व तिथिवार संग्रहित शुल्क को बैंक में जमा नहीं करना बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता व अपराध है। जिसे गंभीरता से लेते हुए आय-व्यय की जांच महालेखाकार से कराने के लिए अनुशंसा करने का निर्देश डीपीओ स्थापना को दिया गया है। साथ ही चिह्नित शिक्षकों के स्थानांतरण व उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नियोजन इकाई को पत्र भेजने का भी डीपीओ स्थापना को निर्देश दिया गया है।
बताते चले कि विद्यालय में शिक्षकों की मनमानी से परेशान कुछ छात्रों ने उपस्थिति पंजी की फोटो डीएम को वाहट्सएप किया था, जिसके बाद डीएम ने गंभीरता से लेते हुए डीईओ से जांच प्रतिवेदन तलब किया गया था। निर्देश के आलोक में डीईओ ने सात सितंबर को विद्यालय की जांच कर वस्तुस्थिति से अवगत हुए थे। उसके एक दिन बाद विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने भी स्कूल पहुंच विवाद के कारणों को जानने की कोशिश की थी।