कथा-प्रवचन के साथ हनुमान जयंती समारोह संपन्न
रोहतास। डालमियानगर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में श्री हनुमान जयंती समारोह के अवस
रोहतास। डालमियानगर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में श्री हनुमान जयंती समारोह के अवसर पर वाराणसी से आए डॉक्टर मुरलीधर पाठक ने राम नाम के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि राम नाम जपने से ही समस्त प्राणी का कल्याण हो जाता है।
उन्होंने हनुमान जी का लंका से लौट कर आना और राम जी से सीता जी का विरह वर्णन प्रसंग में कहा कि जब हनुमान जी लंका दहन कर समुद्र के इस पार आए तो इंतजार कर रहे बंदरों को अत्यंत प्रसन्नता हुई। सभी बंदर मधुवन में जाकर रखवालों को भगाकर मीठे फल खाए। सुग्रीव जी हनुमानजी से मिले और सब हाल जानकर उन्हें रामचंद्रजी के पास लेकर चले। रामचंद्र जी हनुमान जी को छाती से लगाकर सीता का हाल जाना। हनुमान जी ने अशोक वाटिका में रह रही सीताजी की व्यथा सुनाई। कहा कि हे नाथ सीताजी का एक एक क्षण एक कल्प के बराबर बीत रहा है। आप के विरह में उनका शरीर जल रहा है। जल्दी चल उन दुष्टों का नाश करके सीता जी को ले आइए, ऐसा कहते हुए हनुमान जी ने सीता जी का दिया हुआ चूड़ामणि श्रीराम को सौंप दिया। श्री रामजी चूड़ामणि को हृदय से लगाते हुए उनके आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने हनुमान जी से कहा कि हे पुत्र सुनो, मैं तुमसे उऋण नहीं हो सकता। ज्ञान यज्ञ में कथा श्रवण करने के लिए काफी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु जुट रहे हैं। संस्थान के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ¨सह व सचिव केश्वर ¨सह ने बताया कि 40 वें श्री हनुमान जयंती समारोह का समापन विधिवत पूजा आरती के पश्चात आज हो गया।