अधारभूत संरचना के अभाव में अधर में लटका राजकीय डिग्री कॉलेज के छात्रों का भविष्य
अनुमंडल के सुदूरवर्ती पहाड़ी इलाके के नौहट्टा प्रखंड में स्थापित नए राजकीय अनुमंडल डिग्री
अनुमंडल के सुदूरवर्ती पहाड़ी इलाके के नौहट्टा प्रखंड में स्थापित नए राजकीय अनुमंडल डिग्री कॉलेज में उपस्कर समेत अन्य अधारभूत संरचना के अभाव में पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है। यहां डिग्री कॉलेज खोले जाने पर क्षेत्र के लोगों में खुशी का आलम था। उन्हें लगने लगा था कि अब हमारे गांव की लड़कियां और वैसे बच्चे जो शहर में भाड़े पर कमरा लेकर पढ़ने में सक्षम नहीं है, वे अब पास में ही उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। परंतु उपस्कर के अभाव में इस कॉलेज में अभी कक्षा का संचालन नहीं होने से छात्र छात्राओं में मायूसी छा गई है। उन्हें शैक्षणिक सत्र के अंदर कोर्स पूरा न होने पाने की चिता सताने लगी है।
नौहट्टा के पहडीया में दस एकड़ भूमि पर स्थापित कालेज में शैक्षणिक सत्र 2019-2022 में छात्र-छात्राओं का नामांकन तो ले लिया गया है। वे अपना कोर्स कैसे पूरा करेंगे, उनके समक्ष यह समस्या खड़ी हो रही है। करोड़ों रुपए की लागत से बना कालेज भवन आधारभूत संरचना के अभाव में बेमानी साबित हो रहा है। छात्रों की कौन कहे, कॉलेज भवन में प्राचार्य, शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मी के बैठने के लिए भी कोई व्यवस्था अभी तक नहीं उपलब्ध है। कालेज में बैंच डेस्क के अभाव में बच्चे कहां पर बैठकर पढ़ पाएंगे, यह समझ से परे है। आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं कराए जाने से नामांकित छात्रों व उनके अभिभावकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। राशि आवंटन के बाद भी नहीं हुई उपस्कर की खरीद:
मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में खुले सात डिग्री महाविद्यालयों में उपस्कर की खरीदारी के लिए आवंटित राशि राज्य संरचना विकास निगम के खाते में भेजी गई है। सरकार ने सभी अनुमंडल डिग्री महाविद्यालय नालंदा राजगीर, पूर्णिया में धमदाहा, रोहतास में नौहटा, दरभंगा में बेनीपुर, पूर्वी चंपारण मधुबनी व पश्चिमी चंपारण में खुले महाविद्यालयों के लिए प्रत्येक कॉलेज को उपस्कर खरीद के लिए 54 लाख 30 हजार 200 रुपए समेत कुल तीन करोड़ 80 लाख 400 रुपए स्वीकृत किए गए हैं। कहते हैं अभिभावक:
रामाधार सिंह, प्रदीप सिंह, कृष्ण सिंह समेत अन्य का कहना है कि कॉलेज के उद्घाटन के समय प्राचार्य डॉ संजय त्रिपाठी द्वारा छात्रों के नामांकन के लिए काफी प्रयास किया गया था। नौहटा सहित आसपास के गांव में जाकर खुद संपर्क स्थापित किए थे। जिसका नतीजा सुखद रहा। कालेज के पहले सत्र के लिए 527 छात्रों का नामांकन होना उनके सफल प्रयास को दर्शाता है। उन्होंने आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए राजभवन से लेकर राज्य सरकार तक कई बार पत्राचार भी किया, परंतु अबतक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका। जिससे नामांकित बच्चों का भविष्य अधर में लटका दिख रहा है। लोगों का कहना है कि अगर आधारभूत संरचना के लिए सामग्री की खरीदी की जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रशासन को दे दी जाती, तो अबतक सारी सामग्री उपलब्ध हो गई होती और बच्चों का पठन-पाठन भी सुचारू तरीके से शुरू हो जाता। कहते हैं प्राचार्य:
कॉलेज के आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए महाविद्यालय के संबंधित आवश्यक जानकारी संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। जितनी जल्द सामग्री उपलब्ध हो जाएगी। उतना जल्द पठन पाठन कार्य प्रारम्भ होगा।
डॉ संजय त्रिपाठी, प्राचार्य
राजकीय अनुमंडल डिग्री कॉलेज नौहट्टा