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आत्महत्या करना कायरतापूर्ण कार्य: डॉ. राय

प्राणी मात्र में मानव श्रेष्ठ है। मानव जीवन अनमोल है। उक्त बातें आइएमए के स्थानीय शाखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 06:08 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 06:08 PM (IST)
आत्महत्या करना कायरतापूर्ण कार्य: डॉ. राय
आत्महत्या करना कायरतापूर्ण कार्य: डॉ. राय

रोहतास। प्राणी मात्र में मानव श्रेष्ठ है। मानव जीवन अनमोल है। उक्त बातें आइएमए के स्थानीय शाखा के अध्यक्ष डॉक्टर बीबी राय ने पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में आयोजित आत्महत्या बचाओ दिवस के मौके पर सोमवार की देर शाम कही।

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आइएमए व आइपीएस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जीवन समस्याओं का भंडार है। ऐसे में विचलित होकर आत्महत्या करना मानसिक गड़बड़ी का परिचायक है। प्रत्येक मनुष्य को अपनी समस्याओं से रूबरू होना चाहिए। मनोचिकित्सक डॉ. उदय कुमार ¨सहा ने कहा कि जीवन में मृत्यु को छोड़कर हर समस्या का समाधान है। मौत को आत्महत्या में बदल देना कायरता है। कायर मनुष्य भावनाओं में बहकर आत्महत्या की तरफ प्रेरित होते हैं। डॉ. जेएस कश्यप ने कहा कि 10 से 14 और 15 से 23 साल के बीच की उम्र में आत्महत्या की ज्यादा प्रवृत्ति देखने को मिल रही है। मनोचिकित्सक डॉ मालिनी सिन्हा ने कहा कि सभी के जीवन में कठिनाइयां सामान्य रूप से है, लेकिन इसका निवारण आत्महत्या नहीं है। सभी को संघर्षशील होना चाहिए और अगर कोई आपके घर के अगल-बगल मानसिक तनाव में दिखे तो उससे बातचीत कर उसकी तनाव को दूर करें। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एसएन बजाज और डॉक्टर रामजी प्रसाद ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी में कई अन्य उपस्थित थे।


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