कुछ भी ऐसा नहीं, जिसे जीवन में पाया न जा सके : मीरा
जीवन में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे पाया नहीं जा सकता। सुखी व्यक्ति वही हो सकता है।
रोहतास। जीवन में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे पाया नहीं जा सकता। सुखी व्यक्ति वही हो सकता है, जो भविष्य के लिए सोचता है। कुछ इसी तरह का गुण राज्य की पहली महिला कैबिनेट मंत्री व उनकी सास सुमित्रा देवी में था। वह विषम परिस्थितियों में भी न केवल शिक्षा ग्रहण की, बल्कि राज्य की पहली महिला कैबिनेट मंत्री होने का गौरव भी उन्हें मिला। उक्त बाते स्थानीय सत्यम पैलेस में मंगलवार को आयोजित पूर्व मंत्री सुमित्रा देवी की जयंती समारोह में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि सिर्फ लगनशीलता, कर्मठता, समयनिष्ठा व पल-पल कार्यों के प्रति जिज्ञासा से ही व्यक्ति महान बनता है। नारियों के प्रति एक नारी का विचार व सोच उत्तम होना चाहिए। आज की महिलाओं को उनके कार्यों से सीख लेनी चाहिए। उन्हीं का देन है कि आज पूरा परिवार यहां तक पहुंचा है। बहरहाल एक मां का आशीर्वाद कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। कार्यक्रम में उपस्थित सुमित्रा देवी के पुत्र राजशेखर, राजय के पूर्व मंत्री आलोक मेहता, मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजित समेत अन्य ने पूर्व मंत्री के कार्यों व राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डाला। कहा कि सुमित्रा देवी जुझारू व संघर्षशील महिला नेत्री थी। जिसने अपने कार्यों की बदौलत राजनीतिक क्षेत्रों में अमिट पहचान में बनाने में सफल रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सत्यनारायण स्वामी ने अपने अनुभव को साझा किया। जबकि श्रीशंकर कॉलेज के प्रो. डॉ. चंद्रमा ¨सह ने कहा कि सुमित्रा देवी नारी सशक्तीकरण के प्रणेता रही हैं। कार्यक्रम में सुमंत, ईश्वरचंद कुशवाहा, राधा ¨सह, मनोज कुमार ¨सह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष मिश्रा, राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रमिला ¨सह, मानस रंजन, दीपक, शिव विशंभर यादव, शिवजगी राम, शंकर ¨सह, विवेक कुशवाहा, सुदामा मौर्या, अखिलेश त्रिपाठी, चंद्रमा राम, राजेश्वर कुशवाहा, धनंजय मेहता, लोकेश तिवारी, विनोद यादव, जहीर फारूखी, वशिष्ठ राय सुरेंद्र पाल, पतंजलि मिश्रा, रूबी खान, बाबर आजम, इमरान राइन समेत अन्य शामिल थे।