Move to Jagran APP

रबी की बोवाई शुरू होते ही होने लगी उर्वरक की किल्लत

रबी की बोवाई शुरू होते ही जिले में उर्वरक की किल्लत होने लगी है। खरीफ की तरह रबी में किसानों को उर्वरक लेने के लिए दुकानों पर घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी उन्हें खाद मिलेगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं है। इस मामले में जिम्मेवार अधिकारी भी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 09:55 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 09:55 PM (IST)
रबी की बोवाई शुरू होते ही होने लगी उर्वरक की किल्लत
रबी की बोवाई शुरू होते ही होने लगी उर्वरक की किल्लत

जागरण संवाददाता ,सासाराम : रोहतास। रबी की बोवाई शुरू होते ही जिले में उर्वरक की किल्लत होने लगी है। खरीफ की तरह रबी में किसानों को उर्वरक लेने के लिए दुकानों पर घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी उन्हें खाद मिलेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है। इस मामले में जिम्मेवार अधिकारी भी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं।

loksabha election banner

इस बार जिले में 1.40 लाख हेक्टेयर में बोवाई का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआत में ही उर्वरक की कमी होने से बोवाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसको ले किसानों की चिता बढ़ गई है। किसान अभी से खाद के लिए दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं। कोचस के किसान रामप्रवेश सिंह,रामशंकर सिंह समेत कई किसानों का कहना है की धान की कटनी के साथ साथ ही खेतों में बीज बोवाई का कार्य शुरू है। ऐसे में खाद की सख्त आवश्यकता है ,लेकिन प्रखंड से लेकर जिले तक कहीं भी खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों का कहना है की नवंबर माह रबी फसल की बोवाई के लिए उपयुक्त समय होता है। धान कटनी के बाद खेतों में नमी बरकरार रहती है। इसी वजह से किसान नवंबर के अंत तक अपने खेत की बोवाई कर लेना चाहता है। जिले के अधिकांश प्रखंडों में धान की कटनी लगभग समाप्ति के कगार पर है। यदि समय रहते खेत की बोवाई नहीं हुई तो खेत खराब होने का डर बना रहता है। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो नवम्बर माह में आवश्यकता के अनुपात में आवंटन कम प्राप्त हुआ है। इस माह में यूरिया 7323 ,डीएपी 2918,एनपीके 1992,एमओपी 522 तथा एसएसपी की आवश्यकता 500 एमटी थी। जबकि आवंटन के नाम पर यूरिया 1185 ,डीएपी 757 ,एनपीके 5821 एमओपी 824 तथा एसएसपी 2185 एमटी प्राप्त हुआ है।

कहते हैं अधिकारी :

कहीं से भी अभी खाद की कालाबाजारी की सूचना नहीं है।दुकानदार द्वारा जानबूझकर खाद को कालाबाजारी के लिए स्टाक करते पाए जाने पर उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संजय नाथ तिवारी,

जिला कृषि पदाधिकारी- रोहतास


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.