¨सचाई की समस्या को लेकर सड़क पर उतरे किसान
रोहतास। प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसान ¨सचाई की समस्या को ले शुक्रवार को
रोहतास। प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसान ¨सचाई की समस्या को ले शुक्रवार को सड़क पर उतर आए। इस दौरान किसान संघर्ष समिति के बैनर तले नवाडीह गांव के समीप बरांव-दिनारा पथ को जाम कर जमकर प्रदर्शन किया। जिससे लगभग दो घंटे से अधिक समय तक यातायात ठप पड़ गया। लोग क्षतिग्रस्त हथिनी राजवाहा के तटबंध की मरम्मत व सफाई कराने तथा अबतक का रेट माफ करने की मांग जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कर रहे थे।
किसानों का कहना था कि चौसा मुख्य नहर के जखिनी पुल के पास से निकली हथिनी राजवाहा से नवाडीह, बलिगावां, तिलई, रोपहथा, धारुपुर, फरीदपुर आदि गांवों की भूमि के पटवन के लिए सिचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण कराया गया था। निर्माण के बाद इस राजवाहा से इन गांवों के खेत का पटवन सुचारू रूप से हो रहा था। लेकिन ¨सचाई विभाग की लापरवाही के चलते इस राजवाहा का न तो कभी तटबंध की मरम्मत कराई जा सकी, न ही नहर की सफाई कराई जा रही है। विगत दस वर्षो से राजवाहा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिससे इन गांवों की भूमि की सिचाई की समस्या खड़ी हो गई है। किसानों ने कहा कि इसके लिए सिचाई कार्यालय पहुंच कई बार विभागीय अधिकारियों को आवेदन भी दिया गया। कई बार मौखिक रूप से भी अनुरोध किया गया, लेकिन अबतक यहां के किसानों की समस्या को नजरअंदाज किया जाता रहा है। जिससे अजीज आकर आज किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुख्य मांग हथिनी राजवाहा तटबंध की मरम्मत, नहर से गाद की सफाई व आधुनिकीकरण एवं किसानों की मालगुजारी सिचाई रेट माफ किया जाए। दो घंटे तक सड़क जाम के बाद सिचाई विभाग के एसडीई बक्सर धर्मेद्र भारती, जेई प्रभाकर कुमार, अनिल ¨सह कई अधिकारी जाम स्थल पर किसानों को समझाने पहुंचे। किसानों ने अपनी मांग को उनके समक्ष रखा। अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि हथिनी राजवाहा की जल्द ही मरम्मत करा दी जाएगी। विभाग द्वारा हर हाल में यहां के किसानों की ¨सचाई सुविधा को दुरुस्त कर दिया जाएगा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने सड़क जाम को हटाया। जाम करने वालों में किसान संघर्ष समिति के सुग्रीव प्रसाद ¨सह, अखिलेश कुशवाहा, अनिल ¨सह, दिनानंद ¨सह यादव, बबुआ नंद ¨सह, गोपाल ¨सह, रामसुरेश ¨सह, संजय ¨सह, सत्यप्रकाश ¨सह, दशरथ ¨सह, राजेश्वरी ¨सह सहित अन्य किसान शामिल थे।