'मिनी बैंक' से घर को मिल रहा आर्थिक संबल
रोहतास पीएम नरेंद्र मोदी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक में ग्रामीण क्षेत्र के लोग उनके साथ खड़े न
रोहतास पीएम नरेंद्र मोदी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक में ग्रामीण क्षेत्र के लोग उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वैसे में उनके सपनों के साथ नन्हे-मुन्नों का 'मिनी बैंक' (गोलक) भी घर का खुदरा संतुलन बनाने में सहायक साबित हो रहा है। पांच सौ व एक हजार के नोट पर प्रतिबंध के बाद ग्रामीण क्षेत्र में उत्पन्न आर्थिक संकट को बच्चों की मिनी बैंक से संतुलन मिल रहा है। घर के छोटे मोटे आर्थिक परेशानियों व घरेलू खर्चा को मिनी बैंक में इकट्ठे पैसे से अभिभावक दूर करते नजर आ रहे हैं। इस बार यह पीएम के मिशन के साथ जुड़ घर के आर्थिक संतुलन में मददगार साबित हो रहे हैं।
उदयपुर के दुलार पासवान की पत्नी मीरा ने बताया कि घरेलू खर्चा में जब पैसे की कमी महसूस हुई, तो बच्चों द्वारा गोलक में जमा पैसे को निकाल कर काम चलाया जा रहा है। दो गोलक से 23 सौ रुपये निकले। जिससे फिलवक्त घर का खर्च चल रहा है। संझौली के र¨वद्र ¨सह की बेटी सुषमा बताती हैं कि वह छह महीनों से एक गोलक में 7125 रुपये जमा की थी। घर में पैसों की किल्लत आई, तो उसने पापा को दे दिया। करमैनी के अनिल ¨सह की पुत्री विभा बताती है कि अचानक गुरुवार को मां की तबीयत खराब हो गई। पापा के पास एक एक हजार के नोट थे, जो दवा दुकानदार नहीं ले रहे थे। ऐसी स्थिति में मेरी मिनी बैंक में इकट्ठा 8572 रुपये काम आया। खेतलपुर की रौशनी, रीमा, अमेठी की सोनम ¨सह, अर्चना शर्मा, चांदी की सुजाता चौधरी सहित कई लड़कियों ने बताया कि मिनी बैंक में पैसा अपनी जरूरी कामों के लिए रखी थी। लेकिन पीएम के कालेधन की सफाई अभियान में हम साथ है। मिनी बैंक को घरेलू जरूरत के लिए भी दे दिए हैं।