अब बच्चे न रहेंगे कुपोषित, न होंगे बीमार : डीईओ
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रोहतास। अब बच्चे न तो कुपोषित रहेंगे, न अधिक बीमार होंगे। बच्चों को स्वस्थ रखने में अंकुरण परियोजना मील का पत्थर साबित होगा। अब तक जिन विद्यालयों में अंकुरण के तहत पोषण वाटिका लगाए गए हैं, वहां के बच्चे के स्वास्थ्य में पहले की अपेक्षा बदलाव दिख रहा है। स्थानीय श्रीशंकर इंटरस्तरीय विद्यालय में सोमवार को प्रशिक्षकों का आयोजित प्रशिक्षण सह कार्यशाला में अधिकारियों द्वारा सोमवार को उक्त जानकारी दी गई। उदघाटन डीईओ प्रेमचंद्र, डीपीओ सुमन शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज के डॉ. रतन कुमार, यूनिसेफ के राज्य सलाहकार श्रीप्रकाश सिंह, सदर अस्पताल के महामारी विशेषज्ञ डॉ. प्रियमोहन सहाय, कृषि समन्वयक गौतम कुमार समेत अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
डीईओ ने कहा कि विद्यालयों में पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति तो कर ही रहे हैं, लेकिन वाटिका में उपजी आर्गेनिक सब्जी व फल की सप्लाई बाजार में भी हो, इस दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। जिले के 623 स्कूलों में अंकुरण परियोजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसमें फिलहाल दो सौ से अधिक विद्यालयों में ही हो रहा है। जहां के बच्चे बिना खाद की उपजी सब्जी का उपयोग कर रहे हैं। जिन सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है, उसमें टमाटर, बैगन, गोभी, सहजन, साग प्रमुख रूप से शामिल है। कहा कि परियोजना के तहत चयनित विद्यालयों के नोडल शिक्षक व रसोइया को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमें बाल संसद व मीना मंच के सदस्य भी शामिल होंगे। वहीं अतिथि अधिकारियों ने पोषण वाटिका में तुलसी, सहजन, आंवला समेत अन्य औषधीयुक्त पौधे भी लगाने की सलाह दी, ताकि जो स्वास्थ्य की ²ष्टिकोण से लाभदायक हो, जिससे कि बच्चों में कुपोषण को दूर भगाया जा सके।