किसी का 10 तो किसी का 15 दिन का कटा वेतन
आपका वेतन तो पहली तारीख को मिल जाता है, लेकिन शिक्षकों का वेतन 15 दिन बाद भुगतान।
रोहतास। आपका वेतन तो पहली तारीख को मिल जाता है, लेकिन शिक्षकों का वेतन 15 दिन बाद भुगतान क्यों किया जाता है। अब ऐसा नहीं चलने वाला है। आवंटन प्राप्त है, तो समय पर शिक्षकों का वेतन भुगतान हो। यदि नहीं होता है तो जवाबदेही अधिकारी की होगी। शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कुछ ऐसे ही तल्ख तेवर में दिखे डीएम पंकज दीक्षित। लापरवाह व कार्य में फिसड्डी किसी अधिकारी का 10 तो किसी का 15 दिन का वेतन काटने का फरमान डीएम ने जारी किया। बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े लगभग दो दर्जन अधिकारियों के वेतन में कटौती की गई है।
दोपहर बाद तीन बजे से रात नौ बजे तक चली मैराथन बैठक में डीएम ने एक-एक योजनाओं व कार्यों की बारीकी से समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को निर्देश के आलोक में अमल करने का सख्त निर्देश दिया। सवालों का माकूल जवाब नहीं देने पर डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, तो 17 सितंबर को माध्यमिक शिक्षकों का वेतन उनके खाते में हस्तांतरित करने पर डीपीओ स्थापना का 15-15 दिन का वेतन काटने का फरमान जारी किया। जबकि लगभग एक दशक से अधूरे पड़े भवनों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर शिक्षा परियोजना के सहायक अभियंता के वेतन में कटौती करते हुए उनके वेतन से राशि वसूलने की बात कही। इसके अलावा बीईपी के अन्य दो अधिकारियों के अतिरिक्त सासाराम को छोड़ अन्य सभी प्रखंडों के बीईओ के वेतन में कटौती करने का आदेश दिया। इन अधिकारियों में से किसी का 10 तो किसी का 15 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। कहा कि आए दिन हो रहे स्कूलों के निरीक्षण में बड़े पैमाने पर खामियां मिल रही हैं। कहीं पर शिक्षक समय से नहीं पहुंच रहे हैं, तो कहीं पर छात्रों की उपस्थिति कम दिख रही है। यही नहीं साफ-सफाई व्यवस्था भी नगण्य है। बगैर किसी सूचना के शिक्षक स्कूल से गायब मिल रहे हैं। इस पर डीईओ खासकर ध्यान रखें। यदि 24 सितंबर तक सभी बच्चों को किताब नहीं उपलब्ध नहीं हुई, तो अधिकारी और कार्रवाई के लिए तैयार रहे हैं।
बैठक में डीईओ महेंद्र पोद्दार, डीपीओ पूनम कुमारी, सुमन शर्मा, देवेश चौधरी, मो. सईद अंसारी सभी प्रखंड के बीईओ, बीईपी के संभाग प्रभारी समेत अन्य शामिल थे।