सासाराम में नगर आयुक्त को कार्यालय में बनाया बंधक, निगम की कार्यवाही की वाीडियोग्राफी से नाराज हुए मेयर-पार्षद
Sasaram News मेयर की अनुमति बिना बैठक की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराए जाने से नाराज वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को सदन में जमकर हंगामा किया। बाद में कार्यालय में बैठे नगर आयुक्त के कक्ष में ताला लगा दिया।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। मेयर की अनुमति के बिना बैठक की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराए जाने से नाराज वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को सदन में जमकर हंगामा किया।
बैठक स्थगित होने के बाद पार्षदों ने अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय में बैठे नगर आयुक्त के कक्ष में ताला लगा दिया। ताला बंद किए जाने के बाद काफी देर तक नगर निगम कार्यालय परिसर में अफरा- तफरी का माहौल रहा।
एसडीएम, डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर कराया मुक्त
एसडीएम मनोज कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रमा राम, डीएसपी संतोष कुमार रा, डीसीएलआर मनीष कुमार, सीओ निशांत कुमार ने दल-बल के साथ पहुंचकर विरोध कर रहे पार्षदों को समझा-बुझा कर वहां से हटाया।
इसके बाद कार्यालय का ताला तोड़कर नगर आयुक्त को सुरक्षा घेरे में लेकर बाहर निकाला। आयुक्त की कार्यशैली से क्षुब्ध पार्षदों ने मेयर की अगुआई में निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए।
जानकारी के मुताबिक, नगर निगम बोर्ड की सामान्य आयोजित की गई थी। बैठक में शहर में हो रहे स्वच्छता सर्वेक्षण सफाई कार्य के अलावा गत 20 अप्रैल को हुई बैठक में लिए गए निर्णय की पुष्टि की जानी थी।
नगर आयुक्त द्वारा सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जा रही थी, जिस पर मेयर काजल कुमारी समेत पार्षदों ने विरोध जताना शुरू कर दिया।
मेयर का यह कहना
मेयर का कहना था कि बिना उनकी अनुमति के सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराया जाना सरासर अनुचित है। यह कार्य उनके अधिकार क्षेत्र का हनन है। नगर आयुक्त सदन के अध्यक्ष की बिना अनुमति किसी प्रकार का निर्णय अपने स्तर पर नहीं ले सकते हैं।
इसके बाद मेयर के समर्थन में पार्षद हंगामा करने लगे। इसपर सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने हंगामा कर रहे पार्षदों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की बात कहते हुए प्राथमिकी कराने की भी बात कही।
एफआईआर की बात सुन भड़के पार्षद
प्राथमिकी कराए जाने की बात सुनते ही दर्जनों पार्षद आक्रोशित हो उठे। सदन में स्थिति असामान्य हो जाने पर बैठक को छोड़ आयुक्त अपने कार्यालय लौट गए।
नगर आयुक्त पर विकास विरोधी व बरसात सिर पर होने के बावजूद नाला सफाई व जल जमाव की समस्या के संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने का आरोप लगाते हुए पार्षदों ने कहा कि एक माह पूर्व हुई बैठक की कार्यवाही पंजी एक दिन पहले मिली है।
पूरे मामले में नगर आयुक्त ने कही ये बात
इस बारे में नगर आयुक्त ने कहा कि उनकी अनुमति से बैठक की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जा रही थी, जिसको लेकर पार्षदों ने आपत्ति जताकर हंगामा किया। कार्यालय कक्ष में बंधक बनाए जाने के सवाल पर कहा कि इस दिशा में सीनियर अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।