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सीएम तक पहुंचा अमरा-बभनपुरवा पथ निर्माण का मामला

एक तरफ सरकार गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए तरह-तरह की योजनाएं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Nov 2017 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 13 Nov 2017 04:25 PM (IST)
सीएम तक पहुंचा अमरा-बभनपुरवा पथ निर्माण का मामला
सीएम तक पहुंचा अमरा-बभनपुरवा पथ निर्माण का मामला

रोहतास। एक तरफ सरकार गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चालू कर रखी है। वहीं आज भी कई पुरानी ऐसी सड़कें हैं, जो कानूनी दांव पेंच में फंस कर रह गई है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजनाओं के तहत गांवों को पक्की सड़क से जोड़ आवागमन सुविधा को सु²ढ़ किया जा रहा है। लेकिन सड़कों में वर्षों से उत्पन्न गतिरोध को दूर करने में विभाग व सरकार अब तक विफल रही है। इन्हीं सड़कों में शामिल है नाबार्ड संपोषित आठ किलोमीटर लंबी सदर प्रखंड का अमरा- बभनपुरवां पथ। जिसके जीर्णोद्धार कार्य पर छाए संकट के बादल अब तक नहीं छंट पाए हैं। यह मामला पीएमओ से लेकर सीएमओ तक पहुंच गया है।

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सामाजिक कार्यकर्ता सह भाजकपा के जिलाध्यक्ष दीनदयाल कुशवाहा ने बीते दिन मुख्यमंत्री को आवेदन दे इस पथ का जीर्णोद्धार कार्य शीघ्र प्रारंभ कराने की मांग की है। कहा कि सड़क से संबंधित कोई भी मामला न तो कोर्ट में लंबित है, न प्राधिकार में। इसलिए जनहित में सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए।

बताते चले कि छह माह पूर्व भी सदर प्रखंड के तिवारीडीह निवासी प्रभाकर तिवारी के आवेदन पर पीएमओ ने भी बिहार सरकार से शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ कराने को कहा था। जिस पर ग्रामीण कार्य विभाग ने अमरा- बभनपुरवा पथ निर्माण का मामला कोर्ट में लंबित होने की बात कह फिलहाल अपनी जवाबदेही से इतिश्री कर लिया था। पीएमओ को भेजे जवाब में ग्रामीण कार्य प्रमंडल एक के कार्यपालक अभियंता ने कहा था कि नाबार्ड योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2007-08 में डेढ़ करोड़ की योजना स्वीकृत कर अनिल कुमार ¨सह नामक संवेदक को ठेका दिया गया था। निर्माण कार्य को 27 नवंबर 2007 तक हर हाल में पूरा लेने का निर्देश दिया गया था। समय पर निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए संवेदक को कई बार पत्राचार भी किए गए, लेकिन संवेदक ने समय पर कार्य पूरा कराने की बजाए अपनी मांग को ले हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आरबिट्रेशन ट्रिब्यूनल में रखने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के आलोक में आवेदक ने आरबिट्रेशन ट्रिब्यूनल में मामले को रखा, जहां आवेदक के पक्ष में फैसला सुनाया गया है। जिसके खिलाफ सरकार ने सिविल रिविजन दायर की है, जो लंबित है। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य प्रारंभ करना न्याय संगत नहीं है।

सासाराम प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के पांच दर्जन गांवों की जीवन रेखा मानी जाने वीली इस सड़क के कायाकल्प करने को ले कई बार सरकार ने प्रयास तो किया, लेकिन आज यह सड़क पूरी तरह से राजनीति की भेंट चढ़ कर रह गई है। शायद यही कारण है कि 70 के दशक में अस्तित्व में आई इस सड़क का आजतक एक मुश्त निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जब- जब कार्य प्रारंभ हुए हैं, तब- तब निर्माण कार्य को ले कभी शिकायत तो कभी कोर्ट में मामला पहुंचता रहा है। प्रशासन ने जिला मुख्यालय को जाम से निजात दिलाने के लिए बाइपास रोड बनाने का निर्णय लिया है, जिस पर सरकार की मुहर भी लग गई है। बाइपास रोड को बेलाढ़ी फोरलेन से बेदा डग होते हुए मोकर पुल व बभनपुरवां के रास्ते अमरा- तालाब तक बनाने का प्रस्ताव है।


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