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प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले 9.57 फीसद बच्चों को मिला ए ग्रेड

रोहतास। लाख कोशिश व अभियान के बावजूद जिले के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक स्तर में सुधार होते नहीं दि

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 04:22 PM (IST)
प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले 9.57 फीसद बच्चों को मिला ए ग्रेड
प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले 9.57 फीसद बच्चों को मिला ए ग्रेड

रोहतास। लाख कोशिश व अभियान के बावजूद जिले के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक स्तर में सुधार होते नहीं दिख रही है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में पढ़ने वाले बच्चों की हुई वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट से एक बार फिर मिशन गुणवत्ता की पोल खुल गई है। डेढ़ माह पूर्व कक्षा एक से छह तथा छठवीं व सातवीं के छात्रों के हुए वार्षिक हस्तक मूल्यांकन में पिछले साल की अपेक्षा कुछ बदलाव तो जरूर हुआ हैं। ए ग्रेड में सफल होने वाले छात्रों का फीसद दहाई के करीब पहुंच गया है, लेकिन गुणात्मक शिक्षा की ²ष्टिकोण से संतोषजनक नहीं माना जा रहा है। इसे सिर्फ ए ग्रेड प्राप्त करने वाले बच्चों का फीसद 9.557 फीसद रहा है। सबसे अधिक संख्या बी व सी ग्रेड पाने वाले छात्रों की है। इसके पीछे समय पर छात्रों को सरकार द्वारा किताब उपलब्ध नहीं कराना व दक्ष तथा काबिल शिक्षकों का अभाव मुख्य वजह मानी जा रहा है। यही नहीं छात्रों के नामांकन को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। डी व ई ग्रेड पाने वाले बच्चों के लिए विशेष कक्षा संचालित करने का फरमान शिक्षा विभाग ने जारी किया है। 47 हजार से अधिक बच्चे रहे अनुपस्थित :

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सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शैक्षणिक सत्र में कक्षा एक से चार तथा छह व सात में 318893 नामांकित थे, जिसमें से 271635 बच्चे ही शामिल हो सके हैं। जबकि 47 हजार से अधिक बच्चे इस बार भी किसी न किसी कारण से अनुपस्थित रहे हैं। इतनी बड़ी तादाद में वार्षिक हस्तक मूल्यांकन से नामांकित बच्चों के गायब रहने से कई तरह की सवाल भी पैदा होने लगे हैं। कई लोग इसे सरकारी विद्यालयों में संचालित होने वाली लाभुक योजनाओं का लाभ लेने के उद्देश्य फर्जी नामांकन बता रहे हैं। स्कूलों में चलेगी विशेष कक्षा :

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो डी व ई ग्रेड लाने वाले छात्रों को सबसे कमजोर की श्रेणी में रखा गया है। उनके लिए एमडीएम के बाद दो घंटी विशेष कक्षा चलाने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि उनका शैक्षणिक रूप से समग्र विकास हो सके व नए शैक्षणिक सत्र में रिजल्ट को और बेहतर बनाया जा सके। हालांकि विभाग रिजल्ट को एजुकेशन क्वालिटी के ²ष्टिकोण से संतोषजनक मान रहा है। दस दिन पूर्व जारी पांचवीं व आठवीं बोर्ड का परिणाम भी अभिभावकों के लिए निराशाजनक रहा। महज 12.43 फीसद बच्चों को ही ए ग्रेड मिला है। पांचवीं-आठवीं बोर्ड में ई ग्रेड पाने वाले बच्चों के लिए ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलते ही उनकी विशेष परीक्षा ली जाएगी, जब वे उत्तीर्ण होंगे, तो अगली कक्षा में उनका नामांकन होगा। कहते हैं अधिकारी :

अर्ध वार्षिक हस्तक मूल्यांकन में शामिल सभी छात्रों को नियमानुकूल ग्रेडवार पास किया गया है। ग्रेड डी व ई में शामिल छात्रों में शिक्षा का क्रमिक विकास के लिए मध्याह्न भोजन के उपरांत प्रतिदिन दो घंटी विशेष कक्षाएं संचालित की जाएगी। बीईओ के माध्यम से सभी प्रधानाध्यापकों को विशेष कक्षा संचालित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि रिजल्ट को और बेहतर बनाया जा सके।

सुमन शर्मा, डीपीओ सर्व शिक्षा रोहतास वार्षिक मूल्यांकन में सफल छात्रों का फीसद :

ग्रेड - कुल छात्र फीसद

ए 25984 9.57

बी 152896 56.29

सी 93413 34.39

डी 15082 05.55

ई 8133 02.99

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