सर्दी में गर्मी का अहसास करा रहा मौसम
पूर्णिया। दिसंबर का पहला सप्ताह समाप्त हो चुका है लेकिन अपेक्षित ठंड अभी तक नहीं गिर रही ह
पूर्णिया। दिसंबर का पहला सप्ताह समाप्त हो चुका है लेकिन अपेक्षित ठंड अभी तक नहीं गिर रही है। अभी भी अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। दिसंबर में अब तक अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह रहा है जो सर्दी के मौसम में भी गर्मी का अहसास करा रहा है। हालांकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी अंतर बना हुआ है। मौसम केंद्र पूर्णिया के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 27.0 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम 11.6 डिग्री सेल्सियस रहा। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
बदल रहा मौसम का मिजाज
ग्लोबल वार्मिग का असर कहें या प्रदूषण का प्रभाव, मौसम का मिजाज बदल रहा है। सर्दी का मौसम नवंबर से शुरू हो जाता है। लेकिन पिछले दो साल से नवंबर और दिसंबर यहां गर्म रह रहा है। इस बार नवंबर में अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। दिसंबर में भी अब तक अधिकतम तापमान 25 डिग्री से नीचे नहीं गया है तथा माह के तीसरे सप्ताह तक तापमान गिरने के आसार नहीं हैं। यह सिलसिला पिछले दो साल से चल रहा है। गत नवंबर 18 में भी औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक था। इस साल भी दिसंबर के पहले दिन अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस था।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव
सर्दी के मौसम में गर्मी का अहसास लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। दिन में मौसम गर्म और शाम ढ़लते ही तापमान दूना से भी अधिक लुढ़क जाता है। दिन-रात के तापमान में अंतर के कारण लोगों के शरीर का तापमान भी बदल जाता है। इससे कई शारीरिक परेशानियां खड़ी हो जाती है। खासकर बच्चों में सर्दी, जुकाम और बुखार अधिक हो रहे हैं। सर दर्द, सर्दी, जुकाम के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इससे इंफेक्शन आदि का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. उमेश कुमार कहते हैं कि इस मौसम में जरा सी असावधानी से बड़ी बीमारी हो सकती है। उन्होंने इस मौसम में कुछ सावधानियां बरते जाने की सलाह दी है।
-सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए अगर आप पूरा दिन और पूरी रात अपने पैरों और हाथों को ढंककर रखते हैं, तो ऐसा करना स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। इससे शरीर में आवश्यकता से अधिक गर्मी पैदा हो सकती है, जिससे मितली या अन्य परेशानिया हो सकती है।
- मौसम ठंडा होने के कारण इस मौसम में प्यास अधिक नहीं लगती। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि पानी न पिएं। शरीर में तरलता बनाए रखने और आतरिक अंगों के सही क्त्रियान्वयन के लिए पानी पीना जरूरी है। इसके अलावा पाचन के लिए भी पानी जरूरी है।
- सर्दियों में मीठी या मसालेदार जैसी चीजें खाना पसंद करते हैं, लेकिन रोज-रोज ऐसी चीजों का सेवन करना वजन को बढ़ा सकता है साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है।
-इन दिनों स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा की भी देखभाल करनी होती है। रूखेपन से बचाने के लिए अगर बार-बार त्वचा पर तेल या चिपचिपा क्रीम लगा रहे हैं, तो यह धूल, मिट्टी और कीटाणुओं को अपनी ओर खींचकर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
- सर्दी के दिनों में अगर आइसक्रीम खाने के शौकीन हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि यह ठंडक गले में संक्रमण पैदा कर सकती है।