जिले में एक भी वाटर प्लांट को एनओसी नहीं
जमुई। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में चार दर्जन से ज्यादा वाटर पैके¨जग प्लांट व मिनरल वाटर प्ला
जमुई। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में चार दर्जन से ज्यादा वाटर पैके¨जग प्लांट व मिनरल वाटर प्लांट अवैध रूप से भू-गर्भ जल का दोहन कर रहे हैं। इन वाटर प्लांटों को सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ऑथोरिटी (सीजीडब्ल्यूए) से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) हासिल नहीं है। मार्च 2017 में डीएम को लिखा गया था पत्र
इस बाबत बीते वर्ष मार्च 2017 में एक साल पूर्व ऑथोरिटी ने जमुई के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। पत्र में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सेक्शन 19 में पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1986 का उल्लंघन होने की बात कही गई थी। तीन प्लांट पर होनी थी कार्रवाई
जमुई में तीन वाटर प्लांट पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को सीजीडब्ल्यूए ने पत्र दिया था। पत्र के मुताबिक भगत डालमिया एक्वा प्राइवेट लिमिटेड, महाराजगंज चौक, जमुई तथा मिनरल पैके¨जग में भगत डालमिया एक्वा प्राइवेट लिमिटेड, कल्याणपुर, महाराजगंज एवं भगत डालमिया एक्वा प्राइवेट लिमिटेड महाराजगंज, कल्याणपुर द्वारा बगैर एनओसी के भू-गर्भ जल का दोहन किया जा रहा है। जिले में चार दर्जन हैं वाटर प्लांट
जिले में वाटर बोतल पैके¨जग तो गिने-चुने प्लांटों में ही की जाती है लेकिन भू-गर्भ जल का दोहन कर जार में पानी बेचने के लिए जिले भर में चार दर्जन से ज्यादा प्लांट खुले हैं। इन प्लांटों में किसी के पास भी अधिकृत तौर पर लाइसेंस मौजूद नहीं है। स्थिति तो यह है कि उद्योग विभाग और श्रम विभाग से भी ये वाटर प्लांट निबंधित नहीं हैं। निबंधन का मतलब इन लोगों के लिए सिर्फ और सिर्फ पैन कार्ड बनवा लेना ही समझा जाता है।
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फिलवक्त पत्र के संबंध में मुझे विस्तृत जानकारी नहीं है। पत्र पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- डॉ. कौशल किशोर, डीएम, जमुई।