चोरों को पकड़ने में पुलिस विफल
पूर्णिया। शहर में चोरी की घटनाओं का अंतहीन सिलसिला जारी है। एक के बाद एक चोरी की घटना से लोगों की रा
पूर्णिया। शहर में चोरी की घटनाओं का अंतहीन सिलसिला जारी है। एक के बाद एक चोरी की घटना से लोगों की रात की नींद गायब हो गई है। चोरी की घटना के बाद पुलिस जब तक एक मामले के उद्भेदन में जुटती है चोर तब तक दूसरी चोरी की घटना को अंजाम देकर पुलिस के सामने चुनौती खड़ी कर देते है। चोर गिरोह का नेटवर्क इतना मजबूत है कि एक दिन के लिए घर बंद होता है तो इसकी जानकारी पड़ोस के लोगों को बाद में मिलती है और चोरों को पहले ही आसानी से मिल जाती है। ऐसे चोरों को पकड़ने में पुलिस का नेटवर्क विफल साबित हो रहा है। पुलिस की गश्ती, सूचना संकलन और तंत्र पर चोरों का नेटवर्क भारी पड़ रहा है। दिन-प्रतिदिन घटित हो रही चोरी की घटना का उद्भेदन का बोझ पुलिस पर बढ़ता जा रहा है।
गठित टीम के हाथ खाली
चोरी की बढ़ी घटनाओं के बाद पुलिस अधिकारी द्वारा चोर गिरोह का उद्भेदन करने के लिए टीम गठित की जाती है। टीम में तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाता है लेकिन गठित टीम को भी चोरों का सुराग नहीं मिल पाता है। चोरी के उद्भेदन के अधिकांश मामले का नतीजा अब तक सिफर है। प्रत्येक माह 40-90 चोरी की घटनाएं हो रही है। इसमें से 5-10 मामले को छोड़कर अन्य घटना का पटापेक्ष नहीं हो पा रहा है और चोर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे है।
पांच माह में 300 से अधिक चोरी
माह - चोरी
मई 53
अप्रैल 53
मार्च 90
फरवरी 66
जनवरी 39