सावन में बढ़ जाता है हेरे उगना का शोर, हर दिल में बसते विद्यापति
पूर्णिया। शिव भक्ति का माह सावन में मध्य मिथिलांचल कहे जाने वाले पूर्णिया प्रमंडल में मैथिल कोकिल विद्यापति के गीतों की गूंज बढ़ जाती है।
पूर्णिया। शिव भक्ति का माह सावन में मध्य मिथिलांचल कहे जाने वाले पूर्णिया प्रमंडल में मैथिल कोकिल विद्यापति के गीतों की गूंज बढ़ जाती है। खासकर विद्यापति रचित शिव भक्ति गीतों का शोर इस माह बढ़ जाता है। हेरे उगना, हमर भंग पीसना.. जैसे गीतों की गूंज फिलहाल हर मंदिरों व घरों से उठ रही है। महापर्व मधुश्रावणी को लेकर भी विद्यापति की रचनाओं की गूंज चहुंओर है। यूं तो मध्य मिथिलांचल का यह क्षेत्र अंग, बंग व मिथिलांचल की मिश्रित संस्कृति का पालक रहा है, लेकिन मिथिला का पलड़ा यहां सदा से भारी रहा है। महाकवि विद्यापति यहां की संस्कृति का सदा से अभिन्न हिस्सा रहा है। शादी-ब्याह से लेकर हर तरह के उत्सव से लेकर पूजा-अर्चना तक में विद्यापति यहां के लिए आधार स्तंभ बने हुए हैं। खासकर सावन का रंग यहां विद्यापति के संग ही परवान चढ़ता है। सावन में ग्रामीण इलाकों में नित्य होने वाले भजन-कीर्तन से लेकर घरों में पूजा-अर्चना के दौरान बस विद्यापति के गीत ही यहां गूंजते हैं। चंद्रमुखी सन गौरी हमर.., कखन हरब दुख मोर.., शिव हो उतरब पार जैसे गीतों की गूंज फिलहाल यहां आम है।
प्रमंडल में एक दर्जन से अधिक हैं उगना महादेव का मंदिर उगना के रूप में शिव द्वारा विद्यापति की चाकरी की कथा आम है। इस कथा के आधार पर ही उगना महादेव की पूजा की परंपरा भी रही है। मध्य मिथिलांचल कहे जाने वाले इस क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक प्रसिद्ध उगना महादेव मंदिर भी मौजूद है। शहर के मैथिल टोला स्थित उगना महादेव मंदिर ऐसे ही एक मंदिरों में एक है। इस शिव मंदिर से शहरवासियों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। यहां सालोभर लोग उगना महादेव का जलाभिषेक करते हैं। सावन में जलाभिषेक करने वाले लोगों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। इसी तरह जिले के धमदाहा प्रखंड में दो, बनमनखी में एक सहित अन्य क्षेत्रों में भी कई मंदिर मौजूद हैं।
विद्यापति के नाम पर हैं कई गांव व मोहल्लों के नाम पूर्णिया प्रमंडल में विद्यापति प्रेम का ही नतीजा है कि यहां पचास से अधिक मोहल्लों व गांवों का नाम ही विद्यापति के नाम पर है। पूर्णिया शहर में भी दो मोहल्लों का नाम विद्यापति नगर व विद्यापति धाम है। इसी तरह पूर्णिया के अलावा कटिहार, अररिया व किशनगंज तक में विद्यापति के नाम पर कई गांव व मोहल्ले बसे हुए हैं।