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ंपूर्णिया में प्रतिनियुक्त शिक्षक की मिलीभगत से खेला गया नियोजन में फर्जीवाड़े का खेल

नगर निगम नियोजन इकाई में शिक्षकों के चयन में फर्जीवाड़े का मामला जांच में सही पाए गए हैं। जांच में यह बात सामने आ गई है कि चार ऐसे अभ्यर्थियों का चयन भी कर लिया गया जिसने काउंसलिग में भाग ही नहीं लिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 11:55 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 11:55 PM (IST)
ंपूर्णिया में प्रतिनियुक्त शिक्षक की मिलीभगत से खेला गया नियोजन में फर्जीवाड़े का खेल
ंपूर्णिया में प्रतिनियुक्त शिक्षक की मिलीभगत से खेला गया नियोजन में फर्जीवाड़े का खेल

पूर्णिया। नगर निगम नियोजन इकाई में शिक्षकों के चयन में फर्जीवाड़े का मामला जांच में सही पाए गए हैं। जांच में यह बात सामने आ गई है कि चार ऐसे अभ्यर्थियों का चयन भी कर लिया गया, जिसने काउंसलिग में भाग ही नहीं लिया था। शातिराना अंदाज में वास्तविक तस्वीर बदल यह खेल खेला गया था। इसमें मूल प्रमाण पत्र तक स्कैन कर लगाया गया था। जांच रिपोर्ट में यह बात भी जाहिर हो गई है कि यह खेल नियोजन के लिए नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह की मिलीभगत से खेला गया था। फिलहाल पूरी जांच रिर्पोट शिक्षा, विभाग पटना को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई अब विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में होनी है।

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जांच में मामला सही पाए जाने के बाद पूरी चयन प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गई है। शातिराना अंदाज में इन अभ्यर्थियों के फोटो के स्थान पर दूसरे का फोटो लगाकर उसे चयन सूची में शामिल कर लिया गया था।

बता दें कि सुपौल जिले की पिकी कुमारी, अररिया आरएस निवासी आरती कुमारी,किशनगंज कोचाधामन से अनिल कुमार दास और सहरसा के रामफल साह ने नगर निगम नियोजन इकाई में आवेदन किया था। इधर जब काउंसिलिग की तिथि तय हुई तो अन्य स्थानों पर चयन के कारण वे लोग यहां काउंसिलिग में भाग नहीं लिया। इसके बावजूद जब चयन सूची एनआइसी पर डाली गई तो उन लोगों का नाम इसमें शामिल था। यह देख चारो अभ्यर्थी भौचक रह गए और दूसरे स्थान पर हुए चयन भी रद हो जाने के भय से चारों ने नगर आयुक्त को इस संदर्भ में आवेदन दिया। चारों अभ्यर्थियों का आरोप था कि बिना काउंसिलिग में भाग लिए ही उन लोगों का नाम चयन सूची में शामिल कर लिया गया है। जब इसकी जांच शुरु हुई तो इस मामले में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। चयन सूची में शामिल इन अभ्यर्थियों के आवेदन में तस्वीर ही बदल दी गई थी। साथ ही काउंसिलिग में आधार कार्ड लेने की अनिवार्यता के बावजूद जान बूझकर इसकी अनदेखी की गई थी। इसके विपरीत स्कैन मूल प्रमाण पत्र के आधार पर ही इसे चयनित कर लिया गया था। जांच में नियोजन कार्य के लिए नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जांच रिर्पोट में शिक्षक की संदिग्ध भूमिका का भी उल्लेख्य किया गया है।

हर नियोजन में होती रही है संजय सिंह की प्रतिनियुक्ति नगर निगम में शिक्षक नियोजन में हुए फर्जीवाड़े संदेह के दायरे में आए प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह अब तक हुए हर नियोजन में प्रतिनियुक्त होते रहे हैं। संजय सिंह की मूल पदस्थापना शहर के विवेकानंद पल्ली स्थित विद्यालय में है। हर नियोजन में उनकी ही प्रतिनियुक्ति अपने आप में एक बड़ा सवाल है। बिना आधार कार्ड लिए काउंसिलिग कर लिए जाने को लेकर यह सवाल और गहरा गया है। कोट- काउंसिलिग में भाग नहीं लेने के बाद भी चयन सूची में शामिल चार अभ्यर्थियों के आवेदन पर मामले की जांच पूरी हो चुकी है। जांच में आवेदकों की शिकायत सही पाई गई है। इसमें निश्चित रुप से नियोजन इकाई में प्रतिनियुक्त शिक्षक की भूमिका संदेह के दायरे में है। जांच रिर्पोट शिक्षा विभाग, पटना को भेज दी गई है। विभाग के दिशा-निर्देश के अनुरुप आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिउत सिंह, नगर आयुक्त, पूर्णिया


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