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10 वर्षों में मक्के के मूल्य में सबसे बड़ी गिरावट, नहीं निकल रही लागत

मक्के की कीमत में पिछले 10 वर्षों के दौरान सबसे बड़ी गिरावट आई है। इस साल मक्के का अधिकतम मूल्य 1050 और न्यूनतम एक हजार रुपये प्रति क्विंटल है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 11:51 PM (IST)
10 वर्षों में मक्के के मूल्य में सबसे बड़ी गिरावट, नहीं निकल रही लागत
10 वर्षों में मक्के के मूल्य में सबसे बड़ी गिरावट, नहीं निकल रही लागत

पूर्णिया [राजीव कुमार]। बिहार के पूर्णिया जिले में स्थिति गुलाबबाग मंडी में रोज तीन हजार ट्रैक्टरों पर लदकर मक्का पहुंच रहा है, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे हैं। मांग कम होने की वजह से मक्के की कीमत में पिछले 10 वर्षों के दौरान सबसे बड़ी गिरावट आई है। इस साल मक्के का अधिकतम मूल्य 1050 और न्यूनतम एक हजार रुपये प्रति क्‍िवंटल है। इससे मक्के की खेती करने वाले किसान और इसे स्टॉक कर रखने वाले व्यापारी भी परेशान हैं।

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पूर्णिया की मुख्य फसल है मक्का

जिले के 80 फीसद लोग कृषि पर निर्भर हैं। यहां की मुख्य फसल मक्का है। इसबार किसानों ने डेढ़ लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की थी। पैदावार भी अच्छी हुई। अब खरीदार नहीं मिल रहे हैं। मिल भी रहे हैं तो जो कीमत बताते हैं, उसे सुनकर किसानों को रोना आ रहा है।

व्यापारी भी हैं परेशान

गुलाबबाग मंडी में हर साल 30 हजार टन मक्के का कारोबार होता है। इसके अलावा इतना ही कारोबार पूर्णिया, रानीपतरा, सरसी और जलालगढ़ रैक प्वाइंट से होता है। कुल मिलाकर लगभग डेढ़ लाख टन मक्के का कारोबार पूर्णिया से होता है। गुलाबबाग मंडी के व्यापारी सुनील साह बताते हैं कि इस बार मक्के की फसल ने किसानों के पसीने छुड़ा दिए। व्यापारियों ने पहले जो मक्का खरीदकर स्टॉक किया, वह पड़ा हुआ है। पहले वह बिक जाए तो नयी खरीदारी करें।

सभी कंपनियों का कारोबार मंदा

व्यवसायी बबलू साह बताते हैं कि पहले नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, हरियाणा, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, केरल, मुंबई आदि जगहों को मक्का भेजा जाता था। इसबार मक्के का निर्यात बंद है। व्यवसायी संतोष जायसवाल के अनुसार कर्नाटक में भी मक्के की अच्छी पैदावार हुई है। इस कारण देश के दक्षिणी राज्यों में भी मक्के की मांग नहीं है। मंडी के बाहर 22 कंपनियां मक्का खरीदती थीं, लेकिन इस बार ये कंपनियां भी नहीं आ रही हैं।

नहीं निकल रही लागत

वीरनगर के किसान मु. खुर्शीद कहते हैं कि वे कई वर्षों से मक्के की खेती कर रहे हैं, लेकिन इतनी कम कीमत कभी नहीं थी। गांव में व्यापारी 900 रुपये क्विंटल से अधिक देने को तैयार नहीं हैं। मंडी में कुछ अधिक कीमत मिलती है, लेकिन वहां फसल पहुंचाने के लिए भाड़ा लगता है।

मक्के की कीमत का आंकड़ा

वर्ष-अधिकतम मूल्य-न्यूनतम मूल्य

2009 - 1450  - 1400

2010 - 1400 -   1300

2011 - 1500 - 1550

2012 - 1400  - 1450

2013--1600--1200

2014--1500--1200

2015--1400--1200

2016--1400--1200

2017--1400--1200

2018--1050--1000


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