वाह री बिहार पुलिस: चार्जशीटेड अपराधी को ही थानेदार ने दे दिया स्वच्छ छवि का चरित्र प्रमाण पत्र
वाह री बिहार पुलिस। थानेदार ने चार्जशीटेड अपराधी को ही दिया स्वच्छ छवि का प्रमाण पत्र। खास बात कि उसी के थाने में अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। पढ़ें खबर में क्या है मामला।
पूर्णिया [रौनक]। वाह री बिहार पुलिस। थानेदार ने चार्जशीटेड अपराधी को ही दिया स्वच्छ छवि का प्रमाण पत्र। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि जिस थानेदार ने दिया है स्वच्छ छवि का प्रमाण पत्र, उसी थाने में अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। और तो और, मामला जब मीडिया में अाया तो डीएसपी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं। दरअसल, किसी भी शासकीय नौकरी से पूर्व प्रतिभागी का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य होता है, लेकिन मरंगा थाने की पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व उससे संबंधित किसी भी प्रकार की जांच-पड़ताल जरूरी नहीं समझती है। इतना ही नहीं, चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व अपने थाने में दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को पुलिस देखना उचित नहीं समझती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें मरंगा के थानेदार ने एक चार्जशीटेड अपराधी को स्वच्छ छवि का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
जारी कर दिया चरित्र प्रमाण पत्र
मरंगा थाना द्वारा चार्जशीटेड अपराधी को स्वच्छ छवि का बताकर चरित्र प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि जिस आरोपी को मरंगा थानाध्यक्ष द्वारा जांच के बाद स्वच्छ छवि का बताकर प्रमाण पत्र दिया गया है, उस पर मरंगा थाना में भी केस दर्ज है।
मरंगा व बायसी थानों में मामला दर्ज
इतना ही नहीं, उक्त आरोपी पर बायसी थाना में डकैती का भी मामला दर्ज है। एसपी कार्यालय से निर्गत प्रमाण पत्र (ज्ञापांक 1235 आवेदन संख्या 100113209001916766) में साफ लिखा गया है कि अमित कुमार, पिता श्रवण कुमार यादव, ग्राम उफरैल, थाना मरंगा, जिला पूर्णिया का चरित्र प्रमाण पत्र उनके द्वारा दिए गए पता पर थानाध्यक्ष, मरंगा द्वारा जांचोपरांत निर्गत किया गया है। मरंगा थाना में उन पर कोई केस दर्ज नहीं है। इसके आधार पर यह चरित्र प्रमाण पत्र सरकारी कार्य के लिए निर्गत किया जा रहा है। इसकी वैधता निर्गत होने की तिथि से छह माह तक की है।
आरोपी पर कोर्ट में आरोप पत्र भी है दायर
बायसी थाना में दर्ज डकैती कांड संख्या 216/12 में तत्कालीन अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक अनूप कुमार द्वारा कोर्ट में जांच रिपोर्ट में आरोप को सही बताते हुए कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया है। आइपीसी की धारा 395, 364 व 412 के तहत आरोपी पर अंतिम जांच रिपोर्ट में आरोप को सत्य बताया गया। डकैती कांड में अमित समेत चार अन्य अपराधी भी शामिल था। इसमें अमित ने कोर्ट में चार फरवरी को आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद उसे बेल मिली थी।
कहते हैं डीएसपी
इस तरह की कोई जानकारी मेरे पास नहीं है। जानकारी मिलने पर जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
- आनंद कुमार पांडेय
सदर डीएसपी, पूर्णिया
बोले थानेदार
इस तरह की बातें अगर सामने आई है तो पुलिस इसकी जांच करेगी। भूलवश अगर प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है तो उसे रद कर दिया जाएगा।
- मुकेश कुमार मिश्रा
थानाध्यक्ष, मरंगा