सदर अस्पताल में दिखी चाक-चौबंद व्यवस्था
पूर्णिया। सदर अस्पताल में शनिवार को व्यवस्था चाक-चौबंद दिखी। सभी वार्ड के बाहर आधा दर्जन से अधिक ट्र
पूर्णिया। सदर अस्पताल में शनिवार को व्यवस्था चाक-चौबंद दिखी। सभी वार्ड के बाहर आधा दर्जन से अधिक ट्रॉली और स्ट्रेचर रखे गए थे। दरअसल दैनिक जागरण में शुक्रवार को एक महिला को स्ट्रेचर नहीं मिलने की खबर को मंत्री जी, आपके जाते ही गायब हो गया स्ट्रेचर'शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। इसकेबाद अस्पताल में सुबह से ही आपातकालीन वार्ड, महिला वार्ड, मॉडर्न लेबर रूम के बाहर कई ट्रॉली स्ट्रेचर लगा दिया गया। मरीज के एंबुलेंस या निजी वाहन से पहुंचते ही वार्ड ब्यॉय पहुंच जाते थे और मरीज को स्ट्रेचर पर लाद कर ही वार्ड में पहुंचाया जा रहा था। किसी भी मरीज को परिजन द्वारा उठाने नहीं दिया जा रहा है। सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में काफी संख्या में ट्रॉली और स्ट्रेचर मौजूद हैं। इस मामले में मरीज के परिजन को भी सहयोग करने की जरूरत है। अस्पताल पहुंचते ही तुरंत वार्ड के सामने ही ट्रॉली लगी रहती है उसके लेकर ही मरीज को वार्ड तक लाएं या बाहर ले जाएं। मरीजों को अपने हाथ में लाद कर ले जाना मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इसमें मरीज का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए मरीज को हमेशा स्ट्रेचर पर वार्ड में पहुंचाना चाहिए या फिर बाहर ले जाने के लिए या जांच में ले जाने के सुरक्षित स्ट्रेचर का ही इस्तेमाल होना चाहिए। इस संबंध में सभी कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है। इन बातों का ख्याल मरीज के परिजन भी रखें। शुक्रवार को जब महिला मरीज को गंभीर हालत में सदर अस्पताल से रेफर किया गया तो उसे ऑटो तक गोद में उठाकर ले जाया गया। यह मरीज के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण के साथ ही मानवता के लिहाज से गलत और अमान्य है। बता दें कि केनगर की रहने वाली खुशबू कुमारी का स्थानीय पीएचसी में प्रसव हुआ जिसमें नवजात की मौत हो गई थी। इसके बाद महिला की स्थिति बिगड़ने के बाद गुरुवार देर रात सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसे परिजनों ने गोद में उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया था।