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जहां थे भूतों के किस्से वहां जवां हो रही जिंदगानी

प्रकाश वत्स पूर्णिया एनएच-107 व पूर्णिया-धमदाहा पथ को शहर से बीस किलोमीटर की दूरी पर ए

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:23 PM (IST)
जहां थे भूतों के किस्से वहां जवां हो रही जिंदगानी
जहां थे भूतों के किस्से वहां जवां हो रही जिंदगानी

प्रकाश वत्स, पूर्णिया

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एनएच-107 व पूर्णिया-धमदाहा पथ को शहर से बीस किलोमीटर की दूरी पर एक पथ जोड़ती है। इस पथ को बहेलिया स्थान टू सरसी पथ कहा जाता है। इस पथ पर सरसी व बहेलिया स्थान के ठी मध्य चिकनी गांव की सीमा पर डुमरिया चौक अवस्थित है। उसी चौक से पूरब एक पथ निकलती है जो पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री की जन्मभूमि बैरगाछी को छूती पर्यटन केंद्र बनने का सपना संजोए काझा कोठी तालाब के सामने फिर पूर्णिया-धमदाहा पथ में मिल जाती है। इसी पथ पर डुमरिया चौक से महज आधा किलोमीटर दूरी पर लिबरी घाट है। इसे चपय घाट भी कहते हैं।

लिबरी नदी की भी अजीब कहानी है। गांव के लोग पहले इसे लबरी घाट के नाम से पुकारते थे। बाद में इस घाट के नाम से उनके गांव की खिल्ली उड़ाई जाने लगी। हमलोगों ने इस नदी का नाम बदला। हमलोग इसे लिबरी कहने लगे और पूरा इलाका इसे लिबरी घाट के नाम से जानते हैं। चंद वर्ष पहले शाम ढलते ही लिबरी घाट भयावह हो जाती थी। तट तक पसरे बनियापट्टी गांव के गोपाल कहते हैं कि जहां आज पुल है, वहां कभी बबूल के पेड़ हुआ करते थे। गांव में यह शोर था कि बबूल के पेड़ पर भूत रहता है। अब देर शाम तक गांव के लड़के इसी पुल पर घूमते-फिरते हैं। शाम ढलने से रात के गहराने तक लोगों की मौजूदगी जिंदगानी के जवां रहने की कहानी कहती है। इस ठंड में भी पुल शाम को सूना नहीं रहता है। घाट सुंदर हो गया। पानी इसमें अब बरसात आने तक घुटना भर ही रहेगा। दो साल तो इसकी सांसें थमने पर आ गई थी, लेकिन गत साल स्थिति ठीक थी। पानी का बहाव जारी रहा। इससे इस बार रौनक बढ़ी हुई है।

डुमरिया घाट पर मौजूद कन्हाई यादव ने कहा कि इस सरकार में काम हुआ है। उनके विधायक अभी मंत्री भी हैं। कुछ-कुछ गांवों से भेदभाव किया गया है। विकास वहां भी हुआ है, लेकिन फर्क उन्नीस-बीस वाला है। उन लोगों को ज्यादा मलाल नहीं है। कन्हाई हंसते भी हैं और कहते हैं जिस हिसाब से हम वोट देते हैं, उस हिसाब में बहुत अच्छा..। बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह का अपना तर्क है। वे कन्हाई की बात को सही नहीं मानते हैं। लीला घाट पर दो-दो पुल का निर्माण कराया गया। बेलाघाट, यादव टोल, बरेना, चिकनी सुबोध यादव टोला जैसे कई जगहों पर पुल का निर्माण कराया गया। इस इलाके में उन्हें कम मत मिलता है, लेकिन वहां की समस्या का प्राथमिकता से समाधान हो रहा है। कोठी घाट, कोला पुल, बखरीकोल, मोगलाहा धार व अन्य पुल भी इसमें शामिल हैं। उनके प्रयास से दो दर्जन से अधिक बड़े पुलों का निर्माण कराया गया है।

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मैंने वोट बैंक को विकास का आधार नहीं बनाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में न्याय के साथ विकास हो रहा है। जाति-धर्म का इसमें कहीं बांध नहीं है। विस क्षेत्र के हर सुदूर गांवों व टोलों तक विकास हो रहा है। विकास के चलते जन अपेक्षाएं भी बढ़ रही है और सरकार उन अपेक्षाओं को भी लगातार पूरा कर रही है। सड़कों व पुल-पुलियों के मामले में काफी कार्य हुए हैं, गांवों की तस्वीर बदली है।

लेशी सिंह, मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार सरकार


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